नई दिल्ली, 24 अप्रैल। राष्ट्रीय राजधानी की एक अदालत ने फर्जी पासपोर्ट रखने के मामले में अंडरवर्ल्ड डॉन राजेंद्र सदाशिव निखलजे उर्फ छोटा राजन तथा अन्य को सोमवार को दोषी करार दिया। कुल 85 मुकदमों का सामना कर रहे छोटा राजन को अब तक केवल एक मामले में दोषी ठहराया गया है। फर्जी पासपोर्ट मामले में छोटा राजन के अलावा तत्कालीन पासपोर्ट अधिकारी जयश्री दत्तात्रेय राहटे, दीपक नटवरलाल शाह तथा ललिता लक्ष्मणन को भी दोषी करार दिया गया। अदालत मंगलवार को सजा की अवधि पर दलील सुनेगी। अदालत ने तीनों आरोपियों को मंगलवार तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेजने का निर्देश दिया। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हुए राजन को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत के न्यायाधीश वीरेंद्र कुमार गोयल ने फर्जी पासपोर्ट रखने के मामले में दोषी करार दिया। अदालत ने कहा कि पासपोर्ट अधिकारियों ने राजन को पासपोर्ट जारी कर अपने पद का दुरुपयोग किया। अदालत ने आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, पहचान बदलकर धोखा देने, दस्तावजों की धोखाधड़ी तथा आपराधिक षड्यंत्र के लिए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत आठ जून, 2016 को छोटा राजन, जयश्री दत्तात्रेय राहटे, दीपक नटवरलाल शाह तथा ललिता लक्ष्मणन के खिलाफ आरोप तय किया था। अदालत ने उन्हें भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत आपराधिक कदाचार का भी दोषी करार दिया। छोटा राजन द्वारा सौंपे गए फर्जी राशनकार्ड तथा अन्य दस्तावेजों को आगे बढ़ाने में तीनों पासपोर्ट अधिकारियों की संलिप्तता पाते हुए अदालत ने कहा, यह बात साबित हो चुकी है कि इसमें कोई शक नहीं कि आरोपी अवैध तरीके से एक अवैध कार्य कर एक आपराधिक षड्यंत्र में शामिल हुए। अदालत ने कहा कि पासपोर्ट बनाने के लिए आवेदन करते वक्त छोटा राजन द्वारा सौंपे गए दस्तावेजों को पुलिस द्वारा सत्यापित नहीं कराया गया। न्यायाधीश ने कहा, जहां तक फर्जी दस्तावेजों की बात है, तो पासपोर्ट नियमावली 2001 में यह साफ-साफ लिखा है कि आवेदन स्वीकार करते समय असली दस्तावेजों की जांच सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए और कर्मचारियों को इसके प्रति संवेदनशील होना चाहिए। अदालत ने कहा, नियमावली कहती है कि आवेदक द्वारा दी गई किसी भी सूचना के प्रति पासपोर्ट अधिकारी को कोई शंका हो, तो पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर वह पासपोर्ट जारी करने से इनकार करने के लिए स्वतंत्र हैं। सीबीआई ने अपने आरोप-पत्र में आरोप लगाया था कि छोटा राजन ने साल 1998-99 में राहटे, शाह तथा लक्ष्मणन के सहयोग से मोहन कुमार के नाम पर एक फर्जी पासपोर्ट जारी कराया। अदालत ने कहा कि बेंगलुरू के क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय में छोटा राजन ने 10 दिसंबर, 1998 को एक पासपोर्ट को पुनः जारी करने के एक आवेदन दिया था। उसने दावा किया था कि वह पासपोर्ट उसका है। लेकिन जिस पासपोर्ट (एफ-004555) की अवधि खत्म हो रही थी, वह इनायत अकमल खान के नाम पर था। सीबीआई के आरोप पत्र में कहा गया है कि मोहन कुमार के इस दावे को लक्ष्मणन ने स्वीकार कर लिया। अदालत ने कहा कि सुप्रीटेंडेंट तथा पासपोर्ट ग्रांटिंग ऑफिसर राहटे ने अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग करते हुए पुराने पासपोर्ट पर उल्लिखत जन्म तिथि 24 जुलाई, 1969 को सुधारकर 24 जुलाई, 1959 कर पासपोर्ट जारी करने की अनुमति दे दी। राजन पर 85 से अधिक मामले हैं। ये मामले हत्या, वसूली, तस्करी तथा मादक पदार्थो की तस्करी से जुड़े हैं। सीबीआई द्वारा दर्ज मामलों के अलावा छोटा राजन के खिलाफ दिल्ली, उत्तर प्रदेश, गुजरात में 70 से अधिक मामले लंबित हैं। अंडरवर्ल्ड डॉन को 25 अक्टूबर, 2015 को इंडोनेशिया की पुलिस ने बाली में गिरफ्तार किया था, जिसे प्रत्यर्पण के बाद छह नवंबर, 2015 को भारत लाया गया।