नई दिल्ली। राज्यसभा की 58 सीटों के लिए मतदान लगभग खत्म होने को है। शाम 4 बजे तक मतदान होने के बाद रात 8 बजे तक इन चुनावों के नतीजे भी आ जाएंगे। अप्रैल में सेवानिवृत्त हो रहे 62 राज्यसभा सदस्यों के स्थान पर नए सदस्यों के लिए यह चुनाव हो रहे हैं। इनमें से तीन मनोनीत किए जाने वाले सदस्य हैं। 58 सीटों में से दस राज्यों से 33 उम्मीदवारों का निर्विरोध निर्वाचन संपन्न हो चुका है।
खबर लिखे जाने तक 403 में से 400 विधायकों ने वोट डाल दिए थे। इसके अलावा एक विधायक का निधन हो गया है जबकि दो जेल में हैं। वहीं दिनभर की वोटिंग के दौरान राजा भैया भले ही सपा को समर्थन की बात करते रहे लेकिन वोट देने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की है। उनकी इस मुलाकात को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि उनका वोट गोपनीय है।
इससे मतदान शुरू होने के साथ ही सपा और बसपा को बड़ा झटका लगा है और दोनों ही पार्टियों के एक-एक विधायक ने अब तक भाजपा के समर्थन में मतदान किया। बसपा के विधायक अनील सिंह ने भाजपा के समर्थन में वोट किया है वहीं सपा विधायक और नरेश अग्रवाल के बेटे विजय अग्रवाल ने भी भाजपा को वोट दिया है।
सपा, बसपा, कांग्रेस और भाजपा नेता एक के बाद एक वोट डालने पहुंचे और अपने-अपने दावे करते नजर आए। सपा नेता रामगोपाल यादव ने कहा कि भाजपा के विधायक क्रॉस वोटिंग करेंगे वहीं भाजपा, बहुजन समाजवादी पार्टी के तीन विधायकों के समर्थन का दावा कर रही है। मतदान शुरू होने के बाद यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी विधानसभा पहुंचे।
छह राज्यों में 26 सीटों के लिए चुनाव हैं। इन राज्यों में उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, झारखंड, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना शामिल हैं। 17 राज्यों से आने वाले इन सदस्यों में सर्वाधिक संख्या उत्तर प्रदेश (10) से है। संसद के उच्च सदन के लिए सरकार और विपक्ष के बीच जोर आजमाइश जारी है।
सबसे बड़ा सस्पेंस उत्तर प्रदेश में है। हर किसी की जुबां पर यही सवाल है कि क्या मायावती अपने एक सदस्य को राज्यसभा पहुंचा पाएंगी। दरअसल, यूपी से 10 सदस्य चुने जाने हैं। विधानसभा सदस्यों की संख्या हिसाब से यहां एक राज्यसभा सीट जीतने के लिए 37 विधायक होने चाहिए। भाजपा के पास 324 विधायक हैं यानी 8 सीट पक्की। इसके बाद भी 28 वोट शेष बचेंगे।
नौवीं सीट समाजवादी पार्टी के खाते में जाना तय है, क्योंकि उसके 47 विधायक हैं। यानी सपा के पास भी 10 वोट अतिरिक्त हैं। अब बात मायावती की। बसपा के 19 विधायक हैं। उसे अपने एक मात्र सदस्य को राज्यसभा में भेजने के लिए 18 और विधायकों का समर्थन चाहिए। इनमें सपा के 10 और कांग्रेस के 7 विधायक मिला दिए जाएं तो कुल वोट 36 हो जाते हैं। मायावती को उम्मीद है कि आरएलडी का एक मात्र वोट उसे मिलेगा और भीमराव आम्बेडकर राज्यसभा जा पाएंगे।
वहीं भाजपा ने इस उम्मीद के साथ नौवां उम्मीदवार उतारा है कि क्रॉस वोटिंग होगी और बसपा की जगह उसका एक और सदस्य राज्यसभा में बढ़ जाएगा। सपा के शिवपाल यादव और उनके समर्थक विधायकों पर सभी की नजरें होंगी। यदि वे पार्टी लाइन से हटकर वोटिंग करते हैं, तो भाजपा का रणनीति कामयाब हो सकती है।
वोटिंग परीक्षा में एकजुट दिखा समाजवादी कुनबा
उप्र में राज्यसभा चुनाव को लेकर गहराए वोटिंग संकट में अर्से बाद समाजवादी कुनबा एकजुट नजर आया। मतदान से एक दिन पहले गुरुवार को शाम ताज होटल में अखिलेश यादव की मुश्किल आसान करने के लिए सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव के साथ रामगोपाल यादव भी पहुंचे। रात्रिभोज में प्रत्याशी जया बच्चन के साथ डिंपल यादव भी मौजूद रहीं।
इस मौके पर अखिलेश ने वोटिंग का तरीका समझाते हुए विधायकों को एक साथ रहने की सलाह दी। गुरुवार को रात्रिभोज में आजम खां व उनके पुत्र अब्दुला भी शामिल हुए। शिवपाल व मुलायम के साथ रामगोपाल यादव को एक साथ देख सपाइयों के चेहरे चमक रहे थे। शिवपाल भी बुधवार के रात्रिभोज की अपेक्षा कहीं ज्यादा सहज दिखे। उनकी अखिलेश से कई बार बातचीत भी हुई।
गठबंधन में खरा उतरने की चुनौती
लोकसभा उप चुनाव में बसपा के सहयोग से विजय हासिल करने के बाद सपा पर गठबंधन निभाने का नैतिक दबाव बढ़ा है। सपा के दो वोट कम होने के बाद बसपा प्रत्याशी भीमराव अम्बेडकर को जिताने की बड़ी चुनौती है। सूत्रों के अनुसार सपा उम्मीदवार जया बच्चन की जीत सुनिश्चित करने के लिए निर्धारित कोटे से अधिक वोट का बंदोबस्त किया जाएगा। हरदोई के विधायक नितिन अग्रवाल के पाला बदलकर भाजपा में जाने और हरिओम के जेल में बंद होने से सपा का गणित गड़बड़ाया है। बता दें कि सपा के कुल 47 विधायक हैं।