नई दिल्ली।जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के स्कूल ऑफ लाइफ साइंस की शोधछात्राओं के साथ यौन उत्पीड़न का मामला तूल पकड़ने लगा है। पहले पीएचडी कर रही छात्रा ने प्रोफेसर अतुल जौहरी पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। इसपर मुकदमा दर्ज कर लिया गया था।
बाद में सात अन्य शोध छात्राओं द्वारा उनपर लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोप पर पुलिस ने उक्त मुकदमे में उनकी शिकायतों को जोड़ दिया था, लेकिन छात्र-छात्राओं द्वारा अलग-अलग एफआईआर की मांग करने पर सोमवार को कानूनी राय लेने के बाद देर शाम वसंत कुंज उत्तरी जिला पुलिस ने प्रो. अतुल जौहरी के खिलाफ सात अन्य एफआईआर भी दर्ज कर ली हैं।
इस प्रकार उनके खिलाफ आठ एफआईआर हो गई हैं। वहीं, जेएनयू प्रोफेसर अशोक कदम ने 12 मार्च को डीन ऑफिस के बाहर बदसुलूकी मामले में 17 छात्रों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई है।
संयुक्त आयुक्त नई दिल्ली रेंज अजय चौधरी के मुताबिक प्रो. जौहरी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्हें रविवार को नोटिस भेजकर मंगलवार शाम पांच बजे पूछताछ के लिए वसंत कुंज उत्तरी थाने में बुलाया गया है। उन्होंने पूछताछ में शामिल होने के लिए हामी भर दी है। सोमवार को प्रो. जौहरी ने निचली अदालत में अंतरिम जमानत की अर्जी दायर की थी, लेकिन कोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकी। देर शाम सात अन्य एफआईआर दर्ज हो जाने के बाद अब उनको अंतरिम जमानत मिलना मुश्किल हो गया है।
माना जा रहा है कि मंगलवार को पूछताछ के बाद पुलिस उनको गिरफ्तार कर सकती है। उनको गिरफ्तार करने के बाद सभी आठ मामलों की विस्तृत जांच के लिए पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक मामले को क्राइम ब्रांच में ट्रांसफर कर सकते हैं। सोमवार को दिल्ली पुलिस मुख्यालय में आला अधिकारियों ने कुछ इस तरह के संकेत दिए। बता दें कि जेएनयू के विभिन्न छात्र संगठन उनकी गिरफ्तारी की मांग को लेकर लगातार थाने व जेएनयू में प्रदर्शन कर रहे हैं।
उधर, सोमवार को चार छात्राओं के बयान पहले थाने में दर्ज किए गए। फिर सभी आठ छात्राओं के बयान पटियाला हाउस कोर्ट में दर्ज करवा दिए गए। छात्राओं ने उनपर गंभीर आरोप लगाए हैं इसलिए उनका पुलिस कार्रवाई से बचना बहुत मुश्किल है। जेएनयू में यह पहला मामला है जब एक साथ आठ छात्राओं ने किसी प्रोफेसर के खिलाफ इस तरह के गंभीर आरोप लगाए हैं।