श्रीनगर। दक्षिण कश्मीर के हाकूरा में मारे गए आईएसआईएस से संबधित अब जार उर्फ अबु जरार की नागरिकता को लेकर बने भ्रम को तेलंगाना पुलिस ने दूर करते हुए बताया कि वह हैदराबाद के पास स्थित मानगुरु इलाके का रहने वाला था। राज्य पुलिस महानिदेशक डा एसपी वैद ने भी टवीट कर इस तथ्य की पुष्टि की है।
हालांकि कश्मीर में आतंकी हिंसा में भाग लेते हुए दक्षिण भारत से संबधित कई आतंकी पहले भी मारे जा चुके हैं। लेकिन अल-कायदा या आईएसआईएस से संबधित किसी दक्षिण भारतीय आतंकी के कश्मीर में मारे जाने का यह पहला मामला है।
गौरतलब है कि गत सोमवार की तड़के जिला अनंतनाग के हाकूरा गांव में हुई मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने तीन आतंकियों को मार गिराया था। इनमें से दो कश्मीर के ही ईसा फाजली और उवैस सोफी थे जबकि तीसरे की पहचान नहीं हो रही थी। उसका नाम मोहम्मद तौफीक उर्फ अबु जरार अल हिंदी उर्फ अबु जार उर्फ सुल्तान जाबुल अल हिंदी बताया जा रहा था। मारे गए तीनों आतंकियों का संबंध कश्मीर में सक्रिय अल-कायदा के संगठन अंसार उल गजवा ए हिंद व आईएसआईएस से बयत करने वाले तहरीकुल मुजाहिदीन से था।
हालांकि हमारे सहयोगी अखबार दैनिक जागरण ने पहले ही दिन दावा किया था कि मारा गया तीसरा आतंकी मोहम्मद तौसीफ हैदराबाद या पूर्वी भारत का हो सकता है। इसके बाद अंसार उल गजवा ए हिंद ने एक बयान जारी कर तौसीफ उर्फ अबु जरार अल हिंदी के हैदराबाद के होने की पुष्टिï करते हुए बताया कि वह गत वर्ष ही कश्मीर में आया था।
एसएसपी अनंतनाग मोहम्मद अल्ताफ खान ने मोहम्मद तौसीफ उर्फ अबु जरार अल हिंदी के हैदराबाद कनेक्शन की पुष्टिï के लिए तेलंगाना पुलिस महानिदेशक को एक पत्र भेजकर आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराने का आग्रह किया था।
राज्य पुलिस द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारियों के आधार पर तेलंगाना पुलिस ने भी छानबीन की और फिर बताया कि हाकूरा में मारा गया आतंकी अबु जार उर्फ अबु जरार अल हिंदी उर्फ सुल्तान जाबुल अल हिंदी उनके ही राज्य में मानगुरु का रहने वाला मोहम्मद तौसीफ है। वह सोशल मीडिया पर जारी दुष्प्रचार के माध्यम से गुमराह होकर जिहादी बन गया और आईएसआईएस का हिस्सा बन आतंकी वारदातों को अंजाम देने के लिए बीते साल ही कश्मीर पहुंचा था। अलबत्ता, उसे खिलाफ तेलंगाना में कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है। फिलहाल, इस मामले में और छानबीन की जा रही है।