वाराणसी। भारत दौरे पर आए फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुअल मैक्रों ने शनिवार हैदराबाद हाउस में पीएम मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। इसमें दोनों देशों के बीच कुल 14 समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए।
इस वार्ता के बाद साझा बयान में पीएम मोदी ने कहा कि वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए कोई दो देश साथ चल सकते हैं तो वो है फ्रांस और भारत। हम सिर्फ दो सशक्त स्वतंत्र देशों व दो विविधतापूर्ण लोकतंत्रों के ही नेता नहीं हैं, हम दो समृद्ध और समर्थ विरासतों के उत्तराधिकारी हैं। हमारी स्ट्रेटेजिक साझेदारी भले ही 20 साल पुरानी हो, हमारे देशों और हमारी सभ्यताओं की स्पिरिचुअल साझेदारी सदियों लंबी है।
पीएम ने आगे कहा कि रक्षा, सुरक्षा, अंतरिक्ष और उच्च तकनीक में भारत और फ्रांस के द्विपक्षीय सहयोग का इतिहास बहुत लंबा है। दोनों देशों में द्विपक्षीय संबंधों के बारे में द्विदलीय सहमति है। सरकार किसी की भी हो, हमारे संबंधों का ग्राफ सिर्फ और सिर्फ ऊंचा ही जाता है। आज हमारी सेनाओं के बीच रेसिप्रोकल लॉजिस्टिक सपोर्ट के समझौते को मैं हमारे घनिष्ठ रक्षा सहयोग के इतिहास में एक स्वर्णिम कदम मानता हूं।
पीएम मोदी आगे बोले कि हम मानते हैं कि हमारे द्विपक्षीय संबंधों के उज्जवल भविष्य के लिए सबसे महत्वपूर्ण आयाम है हमारे पीपल टू पीपल संबंध। हम चाहते हैं कि हमारे युवा एक दूसरे के देश को जानें, एक दूसरे के देश को देखें, समझें, काम करें, ताकि हमारे संबंधों के लिए हजारों एंबेसेडर्स तैयार हों। इसलिए, आज हमने दो महत्वपूर्ण समझौते किए हैं।
एक समझौता एक दूसरे की शिक्षा योग्यताओं को मान्यता देने का है और दूसरा हमारी माइग्रेशन एंड मोबिलिटी पार्टनरशिप का है। ये दोनों समझौते हमारे देशवासियों के, हमारे युवाओं के बीच करीबी संबंधों का फ्रेमवर्क तैयार करेंगे
इससे पहले फ्रांसीसी राष्ट्रपति का सुबह राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत हुआ। इसके बाद मैक्रों 11.30 बजे प्रधानमंत्री मोदी से हैदराबाद हाउस में मिले जहां दोनों के बीच डेलिगेशन लेवल की बातचीत हुई। इससे पहले राष्ट्रपति भवन में मीडिया से बात करते हुए मैक्रों ने कहा कि भारत आना खुशी और गर्व की बात है। मुझे लगता है कि हमारी केमिस्ट्री काफी अच्छी है हमारे दो लोकतंत्रों का ऐतिहासिक संबंध है I
गार्ड ऑफ ऑनर के बाद मैक्रों राजघाट पहुंचे और महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की। यहां से फ्रांसीसी राष्ट्रपति विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात करने पहुंचे।
इससे पहले दिल्ली एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रोटोकॉल तोड़कर उनकी अगवानी की। मैक्रों के साथ उनकी पत्नी ब्रिगिट मैरी-क्लाउड मैक्रों और वरिष्ठ कैबिनेट मंत्रियों का दल भी आया है। इस दौरे में दोनों देश सहयोग बढ़ाने के समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे। इनमें समुद्री सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सहयोग प्रमुख हैं।
मैक्रों के दौरे में जैतापुर में फ्रांस के सहयोग से बन रहे परमाणु बिजलीघर पर भी नया समझौता हो सकता है। मैक्रों और मोदी के बीच शनिवार को वार्ता होगी। विदेश मंत्रालय में यूरोप और पश्चिम मामलों के संयुक्त सचिव के नागराज नायडू ने कहा, फ्रांस दक्षिण एशिया में आतंकवाद के प्रति भारत के रुख का समर्थन करता है।
अब हम समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और गैर पारंपरिक ऊर्जा स्त्रोतों को विकसित करने में अपना सहयोग बढ़ाने जा रहे हैं। अंतरिक्ष के क्षेत्र में दोनों देशों का सहयोग जारी है। हम इसे अब नए स्तर पर पहुंचाने के लिए समझौता करने जा रहे हैं।