नई दिल्ली। भाजपा और कांग्रेस के बीच मंदिर दर्शन को लेकर राजनीति जारी है। अब तक कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ही इस मुद्दे पर बयान दे रहे थे लेकिन अब पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी का भी बयान आया है। एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंची सोनिया गांधी ने शुक्रवार को भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि ‘भाजपा लोगों को यह यकीन दिलाया है कि कांग्रेस एक मुस्लिम पार्टी है, लेकिन हम भी मंदिरों में जाते हैं।’
सोनिया ने कहा कि ‘मैं जब भी राजीव के साथ कहीं घूमने जाती थी तो वहां हमेशा ही कोई बड़ा मंदिर होता था जहां हम दर्शन के लिए जाते थे लेकिन हमने कभी इसका दिखावा नहीं किया।’
राहुल के सामने कई चुनौतियां
मीडिया द्वारा आयोजित एक इवेंट में मौजूद सोनिया गांधी ने हार का कारण सत्ता विरोधी लहर बताते हुए कहा, पार्टी में वरिष्ठ नेताओं की कभी अनदेखी नहीं की गयी। उन्होंने कहा, ‘राहुल के सामने कई चुनौतियां हैं, उम्मीद है कि वे चुनौतियों को पार कर लेंगे। उनका काम करने का अपना तरीका है, राहुल हमेशा नए लोगों को लाना चाहते हैं। राहुल की कोशिश रही है कि कांग्रेस में नई जान फूंकने के कदम उठाए जाएं, हालांकि इस कोशिश में वरिष्ठ नेताओं को भूलने की नहीं बल्कि युवाओं को उनके साथ आगे लाने की है।’
तो मुझे कायर समझते: सोनिया
सोनिया गांधी ने इंदिरा गांधी को याद करते हुए यह स्वीकार किया कि वे राजीव गांधी या खुद को राजनीति में नहीं उतारना चाहती थीं। उन्होंने आगे कहा, इंदिरा जी की हत्या के बाद काफी कुछ बदला। स्वयं के राजनीति में आने को लेकर उन्होंने कहा, राजनीति में नहीं आती तो लोग मुझे कायर कहते। कांग्रेस मुश्किल में थी इसलिए फैसला बदला। पीएम का पद अस्वीकार करने के बारे में उन्होंने बताया, ‘मैं अपनी क्षमताएं जानती हूं। भरोसा था कि मनमोहन मुझसे अधिक अच्छे प्रधानमंत्री होंगे।’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए पूर्व अध्यक्ष सोनिया ने कहा, ‘सारी रामायण खत्म हो गई आप सीता के बारे में पूछ रहें हैं।’ हालांकि उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी की तारीफ की और कहा कि वे संसदीय परंपरा का सम्मान करते थे अभी संसदीय नियमों का पालन नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा, ‘हमारी ज्यूडिशियरी संकट में है। पारदर्शिता के लिए आरटीआई लाया गया लेकिन आज यह कानून कोल्ड स्टोरेज में है। आधार को कंट्रोल करने के हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है।’
आज अभिव्यक्ति की आजादी पर खतरा
सोनिया गांधी ने कहा कि राजनीति आज एक अलग दौर से गुजर रही है। लोकतंत्र में खुली बहस की छूट होनी चाहिए. लेकिन आज अभिव्यक्ति की आजादी पर खतरा मंडरा रहा है। सोनिया गांधी ने कहा कि विविधिता में एकता ही लोकतंत्र की ताकत है। लेकिन आज वोट के लिए समाज को बांटने की कोशिश की जा रही है।
सोनिया ने सवाल किया, ‘क्या 26 मई 2014 के पहले वास्तव में भारत एक बड़ा ब्लैक होल था? केवल चार साल पहले यहां प्रगति, शांति और समृद्धि की शुरुआत हुई? क्या यह दावा हमारी जनता के सम्मान के खिलाफ नहीं।’
सोनिया ने कहा कि कांग्रेस की लगातार 10 साल तक सरकार रही लिहाजा 2014 में कुछ एंटीइन्कम्बेंसी थी. इसके साथ ही कांग्रेस को नरेन्द्र मोदी के सामने मार्केटिंग में मात खानी पड़ी। लिहाजा, सोनिया ने कहा कि कांग्रेस को आम आदमी से कनेक्ट करने के लिए नई स्टाइल की जरूरत है। इसके साथ ही कांग्रेस को अपने प्रोग्राम और पॉसिलीज को नए तरीके से पेश करने की जरूरत है।