कोलकाता। दक्षिणी त्रिपुरा में सोमवार को रूसी क्रांति के नायक रहे व्लादिमीर लेनिन की प्रतिमा गिराए जाने को लेकर माकपा लगातार भाजपा को घेरने में जुटी है। वहीं, तृणमूल प्रमुख व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की है। मंगलवार को कोलकाता में माकपा ने प्रतिमा गिराए जाने के खिलाफ एक विरोध जुलूस निकाला जिसमें माकपा महासचिव सीताराम येचुरी समेत पोलित ब्यूरो के सदस्य प्रकाश करात, बृंदा करात, वाम मोर्चा चेयरमैन विमान बोस व माकपा के राज्य सचिव सूर्यकांत मिश्रा शामिल हुए।
रैली प्रमोद दासगुप्ता भवन से एस्प्लैनेड स्थित लेनिन की मूर्ति तक निकाली गई। जुलूस की समाप्ति के बाद सीताराम येचुरी ने कहा कि हम त्रिपुरा में माकपा के कार्यकर्ताओं और मजदूरों के खिलाफ इस तरह के फासीवादी हमले की निंदा करते हैं। हमने त्रिपुरा को बेसक खो दिया है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि भाजपा को हमारे कार्यकर्ताओं को मारने का अधिकार दे दिया है।
येचुरी ने माकपा कार्यकर्ताओं को निशाना बनाए जाने को लेकर भाजपा के साथ इंडीजीनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आइपीएफटी) पर भी निशाना साधा। उन्होंने भाजपा के खिलाफ सभी धर्मनिरपेक्ष दलों को एक साथ आने का आह्वान किया।
उधर लेनिन की प्रतिमा गिराए जाने की कड़ी निंदा करते हुए ममता ने कहा कि ऐसे अलगाववादी नेता गांधी, सुभाष चंद्र बोस और स्वामी विवेकानंद की प्रतिमाओं को भी निशाना बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि माकपा के साथ उनके सैद्धांतिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन लेनिन जैसे किसी नेता की प्रतिमा ढहाना उनको बर्दाश्त नहीं होगा।
जनता का गुस्सा स्वाभाविक : भाजपा
पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष व विधायक दिलीप घोष ने कहा है कि त्रिपुरा में लेनिन की मूर्ति को तोड़े जाने के पीछे जनता का रोष है। बहुत दिनों से दबा जनता का रोष अब फूट कर बाहर निकल गया है।