नई दिल्ली। मालदीव ने आठ दिवसीय नौसैनिक अभ्यास “मिलन” में शामिल होने का भारत का निमंत्रण ठुकरा दिया है। समझा जाता है कि मालदीव में आपातकाल के मद्देनजर यामीन सरकार की आलोचना करने के कारण उसने भारत को यह प्रतिक्रिया दी है।नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा ने मंगलवार को संवाददाताओं से बातचीत में कहा, “मालदीव को मिलन अभ्यास में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था, लेकिन उन्होंने इन्कार कर दिया है।”
उन्होंने संकेत दिया कि संभवतः वहां के मौजूदा हालात के मद्देनजर मालदीव ने यह फैसला लिया हो। एडमिरल लांबा ने कहा, “उन्होंने कोई वजह नहीं बताई है।” मालूम हो कि 6 मार्च से अंडमान निकोबार द्वीप समूह के नजदीक होने वाले “मिलन” नौसैनिक अभ्यास में 16 देश हिस्सा ले रहे हैं। 1995 में शुरू हुए इस तरह के नौसैनिक अभ्यास में मालदीव लगातार हिस्सा लेता रहा है।बता दें कि मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने 5 फरवरी को आपातकाल की घोषणा की थी जिसके बाद से भारत और मालदीव के संबंधों में तनाव है। भारत ने आपातकाल को एक महीने बढ़ाए जाने पर 21 फरवरी को कड़ी प्रतिक्रिया दी थी।
मालदीव के राजदूत ने दी सफाई
भारत में मालदीव के राजदूत अहमद मोहम्मद ने भारतीय भावनाओं को शांत करने की कोशिश करते हुए कहा कि उनके देश की नौसेना इस अभ्यास में हिस्सा नहीं ले सकती क्योंकि मालदीव में आपातकाल लागू है। ऐसी स्थिति में देश के सुरक्षाकमियों से तैयारी के उच्चतम स्तर पर रहने की अपेक्षा की जाती है। साथ ही उन्होंने दोनों देशों के बीच बेहतरीन रक्षा और सैन्य सहयोग के इतिहास और परंपराओं को भी याद किया।
भारत की मांग अनसुनी की
मालदीव की यामीन सरकार ने भारत समेत अंतरराष्ट्रीय समुदाय की आपातकाल हटाने और विपक्षी नेताओं को रिहा करने की मांग अनसुनी कर दी है। यूरोपीय संघ ने मालदीव में संकट हल नहीं होने पर सोमवार को जरूरी कदम उठाने की चेतावनी दी। जबकि मालदीव के विदेश मंत्रालय का कहना है कि राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा खत्म होने के बाद ही आपातकाल खत्म किया जाएगा। इस बीच मालदीव सुप्रीम कोर्ट ने आपातकाल और 30 दिन बढ़ाने को वैध ठहराया है।
विरोध प्रदर्शन कर रहे चार विपक्षी सांसद गिरफ्तार
मालदीव में आपातकाल कानून के तहत चार विपक्षी सांसदों को सोमवार रात गिरफ्तार कर लिया गया। ये लोग राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। मुख्य विपक्षी दल मालदीव डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) ने ट्वीट कर बताया कि गिरफ्तार सांसदों में दो सांसद वे हैं जो यामीन की पार्टी छोड़ चुके हैं। प्रदर्शनकारी विपक्षी नेताओं के खिलाफ मुकदमे वापस लेने और उन्हें रिहा करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करने की मांग कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग भी किया।