पटना। पटना पुलिस के 200 जवान एक साल से अधिक समय से बिना किसी सूचना के गायब हैं। पुलिस उपमहानिरीक्षक राजेश कुमार के निरीक्षण में यह सच सामने आया है। उन्होंने एक साल से अधिक समय से बिना किसी सूचना के फरार जवानों का वेतन रोक दिया है।
उनका बचाव कर रहे पुलिस लाइंस के मुंशी राजू प्रसाद को निलंबित कर दिया। इसके साथ ही रिकॉर्ड दुरुस्त नहीं रखने पर सब-इंस्पेक्टर संजीव का वेतन रोका गया है। उससे स्पष्टीकरण मांगा है। साथ ही पुलिस लाइन में व्याप्त घोर अनियमितताओं की जानकारी आला अफसरों को नहीं देने पर डीएसपी मो. मसलेहउद्दीन और सार्जेंट मेजर उदय कुमार से भी स्पष्टीकरण मांगा है।
एक अधिकारी के मुताबिक दूसरे जिलों में होने वाले वीआइपी कार्यक्रमों में पटना पुलिस के जवानों की प्रतिनियुक्ति की मांग की जाती थी, तब पुलिस लाइंस के अफसर बल की कमी का हवाला देते थे। यही स्थिति तब होती थी, जब राजधानी में किसी बड़े कार्यक्रम का आयोजन किया जाता। कागज पर जवानों की संख्या अधिक दिखती थी, लेकिन वे फील्ड में नजर नहीं आते थे। तब डीआइजी को शक हुआ।
डीजीपी ने कहा, नौकरी से हटाए जाएंगे
डीजीपी पीके ठाकुर ने भी गुरुवार को कहा कि ऐसे पुलिसकर्मियों को नौकरी से निकाल-बाहर किया जाएगा। ऐसे पुलिसकर्मियों को चिन्हित करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। डीजीपी पीके ठाकुर ने स्वीकार किया कि यह मामला अकेले पटना का नहीं है। राज्य के अन्य जिलों की पुलिस लाइंस से भी उन्हें इस तरह की शिकायतें मिली हैं।