आयकर विभाग ने नोटबंदी के बाद कालेधन का पता लगाने के लिए आज स्वच्छ धन अभियान का दूसरा चरण शुरू किया जिसके तहत 60 हजार लोगों की जांच की जाएगी। नोटबंदी के बाद कालेधन का पता लगाने के लिए यह अभियान शुरू किया गया है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा कि अगले चरण के अभियान के तहत जिस श्रेणी के लोगों की विस्तत जांच की जाएगी उनमें ऐसे उद्यमी हैं जो नकद बिक्री को नकद जमा का स्रोत बता रहे हैं। इस श्रेणी में पेट्रोल पंप और अन्य आवश्यक सेवाएं मसलन अस्पताल आदि आते हैं।
इसके अलावा आयकर विभाग उन सरकारी या सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों के कर्मचारियों की भी जांच करेगा जिन्होंने बड़ी राशि जमा कराई है, या फिर ऐसे लोग जिन्होंने उंचे मूल्य की खरीद की है, ऐसे लोग जिन्होंने छदम कंपनियों के जरिये धनशोधन किया है या फिर जिन्होंने पहले चरण में कर अधिकारियों द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब नहीं दिया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ताजा अभियान तक पहचाने गए मामलों में जमा की कोई सीमा नहीं है। सभी संदिग्ध मामलों को इसमें शामिल किया गया है।
अधिकारी ने कहा कि ताजा अभियान में जिन जमाओं की जांच की जा रही है वे निश्चित रूप से उंचे मूल्य के हैं। अधिकारी ने बताया कि इन 60,000 लोगों से शुरआती संपर्क ऑनलाइन माध्यम से किया जाएगा। अभियान के तहत कर अधिकारी छानबीन और सर्वे करेंगे और आयकरदाता से दस्तावेजों की भी मांग करेंगे। पहले चरण के 31 जनवरी को शुरू होकर 15 फरवरी को समाप्त अभियान के दौरान नकद जमा की सीमा पांच लाख रपये या अधिक रखी गई थी।
सीबीडीटी ने कहा, 1,300 उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों सहित 60 हजार से अधिक लोगों को नोटबंदी की अवधि के दौरान अत्यधिक नकद बिक्री को जमा करने का दावा करने वाले लोगों को जांच के लिए चुना गया है। उंचे मूल्य की संपत्ति की खरीद के 6,000 से अधिक सौदों तथा दूसरे देश भेजे गए धन के 6,600 मामले व्यापक जांच के दायरे में हैं।
आयकर विभाग के नीति निमार्ता निकाय सीबीडीटी ने कहा कि उसने 9 नवंबर, 2016 से इस वर्ष 28 फरवरी के बीच करीब 9,334 करोड़ की अघोषित आय का पता लगाया है। विभाग ने 2,362 छापेमारी, जब्ती तथा सवेर् की कार्रवाई की है। इसमें 818 करोड़ रपये का मूल्यवान संपत्ति जब्त की गई है, जिसमें 622 करोड़ रपये की नकदी है। करीब 9,334 करोड़ रपये के बेहिसाबी धन का पता लगा है।
बयान में कहा गया है कि कर विभाग ने 400 से अधिक मामले प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई को भेजे हैं। 3,400 से अधिक मामलों में सवेर् किया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले वर्ष 8 नवंबर को 1,000 और 500 के नोट बंद करने की घोषणा की थी। सीबीडीटी ने कहा, ऐसे मामले जिनमें जवाब नहीं मिला है, की भी विस्तत जांच की जाएगी।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अभियान का यह चरण शुरू करने से पूर्व संदिग्ध नकद जमा की पहचान के लिए आधुनिक डेटा विश्लेषण का इस्तेमाल किया गया है। इस वर्ष 31 जनवरी को शुरू हुए स्वच्छ धन अभियान के पहले चरण के तहत विभाग ने ऑनलाइन प्रश्न पूछे थे और 17.92 लाख लोगों की जांच की थी जिसका 9.46 लाख लोगों ने ही जवाब दिया था।