इस देश में तौलकर लिए जा रहे हैं नोट, क्रिप्टो करेंसी को मान्यता दी

asiakhabar.com | February 22, 2018 | 4:27 pm IST

मल्टीमीडिया डेस्क। बीते दिनों हमने आपको अफ्रीकी देश सोमालीलैंड के बारे में बताया था, जहां सड़कों पर नोटों के बंडल पड़े रहते हैं। यहां जहां किलो के भाव में नोट बेचे जाते हैं। यहां मुद्रास्फीति इतनी बढ़ गई है कि लोगों को ब्रेड खरीदने के लिए भी बोरे में भरकर नोट ले जाने पड़ते हैं।

बताया जाता है कि यहां करीब 650 रुपए में 50 किलो से ज्यादा सोमालियन करेंसी आप खरीद सकते हैं। हालांकि, इसे लाना- लेजाना काफी मुश्किल है, लेकिन इतनी रकम देने के बाद भी आपको सामान बहुत कम ही मिलेगा। कुछ ऐसी ही स्थिति आजकल साउथ्‍ा अमेरिकी महाद्वीप के चर्चित देश वेनेजुएला की हो गई है।

यहां पर लोग नोटों को गिनकर लेने की बजाय, नोटों को तौलकर ले रहे हैं। वेनेजुएला अपने आर्थिक संकट से निपटने के लिए लगातार कदम उठा रहा है। यहां की मुद्रा की कीमत इतनी कम हो गई है कि लोगों को बोरे भरकर नोट देने पर भी मुठ्ठीभर सामान ही मिल पा रहा है।

हालत यह है कि एक अंडे की कीमत 7333 बोलिवर (करीब 46,564 रुपए) हो गई है। वहीं, एक दिन की मजदूरी 5333 बोलिवर (करीब 33,864 रुपए) है। यानी पूरे दिन काम करने के बाद भी व्यक्ति एक अंडा भी खरीद पाने की स्थित में नहीं है। महंगाई दर बढ़कर 1000 फीसद हो गई है। लोगों को हफ्ते में सिर्फ तीन से चार दिन दिन ही खाना मिल पा रहा है। एक बोतल दूध के लिए वहां 84000 बोलिवर (करीब 5.34 लाख रुपए) चुकाने पड़ रहे हैं।

क्रिप्टो करेंसी को मान्यता देने वाला पहला देश

इस बीच उसने तेल आधारित क्रिप्टोकरेंसी ‘पेट्रो’ की शुरुआत की है। यह दुनिया की पहली सरकारी मान्यता प्राप्त क्रिप्टोकरंसी है। वेनेजुएला की वामपंथी सरकार ने शुरुआती बिक्री के लिए पेट्रो की 3.84 करोड़ इकाइयां पेश की हैं।

इसकी बिक्री 19 मार्च तक चलेगी। गौरतलब है कि वेनेजुएला के पास विश्व का सबसे विशाल तेल भंडार है, लेकिन इसके बावजूद भी देश भीषण आर्थिक एवं राजनीतिक संकट के दौर से गुजर रहा है।

क्रूड ऑयल में गिरावट से बदहाल हो गया देश

वेनेजुएला की करेंसी बॉलिवर 20 साल पहले दुनिया की सबसे मजबूत करेंसी हुआ करती थी और अर्थव्यवस्था की ग्रोथ रेट 7 फीसद से भी ज्यादा थी। मगर, क्रूड ऑयल में आई भयंकर गिरावट के बाद देश के हालात बद से बदतर हो गए हैं।

वेनेजुएला की कुल आय का 95 फीसद हिस्सा तेल के निर्यात से आता है। तेल की कम होती कीमतों के चलते वेनेजुएला की अर्थव्यवस्था संकट के दौर से गुजर रही है। इसके अलावा सरकार की खराब नीतियों के कारण भी देश की हालात खराब होती जा रही है।

देश में बेरोजगारी दर 7 फीसद से बढ़कर 20 फिसद हो गई। माना जा रहा है कि 2022 में यह 26 फीसद हो सकती है। वर्तमान में वेनेजुएला पर कुल 6000 करोड़ डॉलर यानी करीब 3.90 लाख करोड़ रुपए का कर्ज है।

लूट लिए जाते हैं खाने-पीने के सामान

बढ़ी महंगाई के कारण खाने-पीने की आम चीजें, दूध और अंडा तक लोगों की पहुंच से बाहर हो गई है। आलम यह हो गया है कि दूध के टैंकरों को लूट लिया जाता है। जिन इलाकों तक ये पहुंच जाने में सक्षम हो जाते हैं, वहां भी इन्हें खरीदने के लिए लंबी लाइनें लगी रहती हैं। लोगों को कई महीनों से भरपेट भोजन भी नहीं मिल पा रहा है। इस वजह से लोग कुपोषण का शिकार हो रहे हैं।


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