नई दिल्ली। इतिहास में जब भी महिलाओं के सामर्थ्य, साहस व कौशल की बात होगी तो उसमें अवनी चतुर्वेदी का नाम अनुकरणीय होगा। हो भी क्यों न। वह देश की पहली महिला पायलट हैं, जिसने अकेले जेट को उड़ाया। इससे पहले महिलाओं के स्तर पर ऐसा कारनामा कभी नहीं हुआ।
अवनी का कारनामा सरकार को अपने उस फैसले पर पीठ ठोकने पर भी विवश कर रहा है जिसके तहत प्रयोग के तौर पर महिलाओं को लड़ाकू विमान उड़ाने का एक मौका देने का फैसला लिया गया था।
वायु सेना ने अवनी के साथ भावना कांत व मोहना सिंह सिंह को लड़ाकू विमान उड़ाने का प्रशिक्षण दिया था, लेकिन इतिहास में शुमार होना शायद अवनी के भाग्य में था। उन्होंने सोमवार को मिग-21 में उड़ान भरी। न केवल महिलाओं बल्कि वायु सेना के लिए भी वह पल खुशी भरा था जब अवनी ने जामनगर एयरबेस से जेट में उड़ान भरी। अवनी जुलाई 2016 बैच की कमीशंड अफसर हैं।
उन्हें फ्लाइंग अफसर के तौर पर वायु सेना में प्रवेश दिया गया। अवनी के साथ बाकी दोनों महिला पायलटों को भी लड़ाकू विमान उड़ाने का प्रशिक्षण दिया गया, लेकिन अवनी अपनी साथियों से कुछ कदम आगे निकलीं। तभी शीर्ष अधिकारियों ने तय किया कि जामनगर हवाई अड्डे पर जेट को अवनी ही अकेले उड़ाएगी। वायु सेना की तरफ से कहा गया कि जिस चीज को ध्यान में रखकर तीनों को प्रशिक्षण दिया गया था, वह उस पर खरी उतरीं। भविष्य में बाकी दोनों को भी लड़ाकू विमान उड़ाने का मौका मिलेगा। वायु सेना अगले बैच के लिए तीन अन्य महिला अफसरों को जेट उड़ाने का प्रशिक्षण दे रही है।