नई दिल्ली। मुंबई के रहने वाले पंकज फड़नीस ने महात्मा गांधी हत्याकांड की जांच फिर से कराने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। सोमवार को उन्होंने अदालत को बताया कि उन्हें कुछ दस्तावेज मिले हैं, जो दर्शाते हैं कि हत्याकांड के पीछे “बड़ी साजिश” थी।
जस्टिस एसए बोबडे तथा जस्टिस एल. नागेश्वर राव की पीठ को पंकज ने बताया, उन्होंने न्यूयॉर्क में लाइब्रेरी ऑफ कांग्रेस से सीलबंद कवर में कुछ दस्तावेज हासिल किए हैं। जिसे भारत सरकार ने प्रतिबंध कर दिया था। उन्हें उन दस्तावेजों को पेश करने की अनुमति दी जाए।
हिंदूवादी संगठन अभिनव भारत के ट्रस्टी तथा शोधकर्ता पंकज ने शीर्ष अदालत को बताया, उन्होंने उन दस्तावेजों पर से प्रतिबंध हटाने के लिए बांबे हाई कोर्ट में अर्जी लगाई है। इस पर पीठ ने मामले की सुनवाई छह मार्च को तय करते हुए कहा कि वह जो दस्तावेज दाखिल करना चाहते हैं, उसका ब्योरा समेत एक आवेदन पेश करें।
पंकज ने कोर्ट को यह भी बताया कि उन्होंने न्यूयॉर्क में भी वरिष्ठ अटॉर्नी से राय ली है। उनका 40 साल का अनुभव है। उनके अनुसार ऐसी फोरेंसिक तकनीक उपलब्ध हैं, जो 31 जनवरी, 1948 को अखबारों में छपी फोटो का परीक्षण कर सकती हैं। उन तस्वीरों में गांधी के शरीर पर घाव के चार निशान दिखाई देते हैं।
याचिका में गांधी हत्याकांड की दोबारा जांच कराने की मांग करते हुए कहा गया है कि यह मामला इतिहास का सबसे बड़ा “रहस्य” (कवर-अप) है। इसके पहले सुप्रीम कोर्ट ने पंकज से कहा था कि वह इस मामले को उठाने का अपना औचित्य तथा देरी के पहलुओं पर कोर्ट को संतुष्ट करें।
मामले में नियुक्त न्याय मित्र अमरेंद्र शरण ने कोर्ट को बताया था कि जांच को दोबारा खोलने की कोई जरूरत नहीं, क्योंकि हत्याकांड की साजिश और गोली चलाने वाले हमलावर नाथूराम विनायक गोडसे की पहचान हो चुकी है।