UP: योगी सरकार ने पेश किया 4,28,384 करोड़ रुपए का बजट

asiakhabar.com | February 16, 2018 | 4:58 pm IST
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लखनऊ। वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने शुक्रवार को भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण को नमन करते हुए योगी सरकार के दूसरे बजट को पेश किया। वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने 4 लाख 28 हजार 384 करोड़ का बजट पेश किया। यह पिछले साल की तुलना में 11.4 प्रतिशत ज्यादा है। पिछले साल 3.84 लाख करोड़ रुपए का बजट पेश किया गया था। इसके पहले योगी आदित्यनाथ ने कैबिनेट बैठक में बजट को अनुमोदन मिला। इस बैठक में बजट अनुमोदन के अलावा सात प्रस्तावों को मंजूरी मिली है।

कुल व्यय: 3 लाख 21 हजार 520 करोड़ राजस्व लेखा, 1 लाख 6 हजार 864 करोड़. पूंजी लेखा. राजस्व बचत: 27 हजार 99 करोड़ 10 लाख राजस्व नसीहत अनुमानित हैं। वर्ष 2018-19 के बजट में 14 हजार 341 करोड़ 89 लाख रुपए की नई योजनाएं सम्मिलित की गई हैं।

वित्त मंत्री ने यह शेर कहकर बजट पेश किया –

साहिल से मुस्कुरा के तमाशा न देखिये

हमने ये खस्ता नाव विरासत में पायी है

बारिश के इंतज़ार में सर्दियां गुजऱ गयी

उठो जमी को चीर के पानी निकाल लो।

बजट भाषण की मुख्य घोषणाएं –

– वित्तमंत्री ने प्रदेश के लिए 4 लाख 28 हजार 384 करोड़ का मेगा बजट पेश किया।

– गेहूं खरीद के लिए 5500 केंद्र खोले जाएंगे।

– आतंकवाद से लड़ने के लिए हमने एटीएस को मजबूत किया।

– 5 लाख आवासों के आवंटन का लक्ष्य है।

अल्पसंख्यक कल्याण के लिए 2 हज़ार 757 करोड़ रुपये की व्यवस्था।

अरबी फारसी मदरसों के आधुनिकीकरण के लिए 404 करोड़ का बजट।

अरबिया पाठशालाओं को 486 करोड़ के अनुदान की व्यवस्था।

मान्यता प्राप्त आलिया स्तर के 246 अरबी-फ़ारसी मदरसों को अनुदान के लिए 215 करोड़ की व्यवस्था।

बजट में बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के लिए 650 करोड़ और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के लिए 550 करोड़ रुपए।

लखनऊ आगरा के लिए 500 करोड़। वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट के लिए 250 करोड़।

मुख्यमंत्री युवा स्व रोजगार के लिए 100 करोड़।

ग्रामीण क्षेत्रों में 100 नए आयुर्वेदिक अस्पताल खुलेंगे।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के लिए 291 करोड़।

यूपी में रोड के निर्माण के लिए 11 हजार 3 सौ 43 करोड़।

पुलों के निर्माण के लिए 1 हजार 8 सौ 17 करोड़।

सिंचाई सरयू नहर परियोजना के लिए 1 हजार 614 करोड़ रुपए का बजट।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए 2 हजार 8 सौ 73 करोड़।

मिडडे मील के लिए 2 हजार 48 करोड़ का बजट।

कक्षा 1-8 तक के छात्रों के किताबों और यूनिफार्म के लिए 116 करोड़ रुपए का प्रावधान।

प्राथमिक स्कूलों में बिजली, फर्नीचर और पानी के लिए 500 करोड़ का बजट।

औद्योगिक निवेश नीति 2012 हेतु 600 करोड़ रुपए तथा नई औद्योगिक नीति हेतु 500 करोड़ रुपए की बजट में व्यवस्था प्रस्तावित।

पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के निर्माण हेतु 1000 करोड़ रुपए तथा आगरा एक्सप्रेस वे के निर्माण हेतु 500 करोड़ रुपए की बजट व्यवस्था।

ग्राम विकास प्रधानमंत्री आवास योजना तहत ग्रामीणों के लिए वर्ष 2018-19 के बजट में योजना हेतु 11500 करोड रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित है।

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत लगभग 1040 करोड रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित।

मुख्यमंत्री आवास योजना हेतु 200 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित।

राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम हेतु 1 हजार 500 करोड़ रुपए और राज्य ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम हेतु 120 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित।

-बजट में ‘सर्व शिक्षा अभियान’ के लिए 18 हजार 167 करोड़ रुपए. बजट में कक्षा 1 से 8 तक निःशुल्क किताबों के 76 करोड़।

-यूनिफॉर्म के लिए 40 करोड़. बजट में मिड डे मील के लिए 2 हजार 48 करोड़ रुपए, फल वितरण के लिए 167 करोड़ रुपए।

-माध्यमिक शिक्षा अभियान 480 करोड़ रुपए. दीनदयाल उपाध्याय राजकीय मॉडल विद्यालय 26 करोड़।

-राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के लिए 167 करोड़ रुपए. अहिल्याबाई निःशुल्क शिक्षा योजना के लिए 21 करोड़।

-महिला एवं बाल कल्याण के लिए 8 हजार 815 करोड़ रुपए।

-महिला सशक्तिकरण के अंतर्गत ‘सबला योजना’ के लिए 351 करोड़ रुपए. बाल पुष्टाहार के लिए 3 हजार 780 करोड़ रुपए।

-सामूहिक विवाह योजना’ के लिए 250 करोड़. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य।

– प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के लिए 291 करोड रुपए की बजट में व्यवस्था।

-दिव्यांग पेंशन योजना के लिए 575 करोड रुपए।

‘एकलव्य क्रीड़ा कोष की स्थापना’ के लिए 25 करोड़ रुपए.. ‘

-स्पोर्ट्स कॉलेज एवं स्टेडियम की स्थापना एवं विकास’ के लिए 74 करोड़ रुपए।

-राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के विजेताओं के लिए 3 करोड़ रुपए।

-प्रदेश के 13 जनपदों में कॉमर्शियल कोर्ट का होगा गठन. 24 नई स्थाई लोक अदालतों का होगा गठन।

-कैलाश मानसरोवर भवन गाजियाबाद के लिए 94 करोड़ 26 लाख रुपए।

पंचायती राज स्वच्छ भारत मिशन के अंर्तगत 5000 हजार करोड़ की व्यवस्था।

-श्मशान के लिए 100 करोड़ की व्यवस्था. लघु सिचाई के तहत 36 करोड़ की व्यस्था।

-नई औद्योगिक विकास के लिए 500 करोड़ सूक्ष्म एवं लघु माध्यम उदगम एक जनपद एक उद्योग के लिए 250 करोड़।

-मुख्य्मंत्री युवा स्वरोजगार योजना के।लिए 100 करोड़।

-हथकरघा और हैंडलूम के लिए 50 करोड़, बुनकर को रियायती दर पर बिजली के लिए 150 करोड़, खादी के लिए सरकार की झोली नहीं खुली।

-55 करोड़ का कुल बजट दिया गया आईटी के तहत ई आफिस के लिए 30 करोड़। स्टार्टप फंड के लिए 250 करोड़।

-प्रधानमंत्री चिकित्सा शिक्षा के तहत सुपर एस्पेशिलिटी विभाग बनाए जाने हेतु 126 करोड़ रुपए।

पीजीआई में 200 बेड की बृद्धि की गई। रोबोटिक सर्जरी प्रारम्भ की गई।

-प्रदेश के पांच जनपद फैजाबाद, बस्ती, बहराइच, फिरोजाबाद और शाहजहांपुर में जिला चिकित्सालय के लिए 500 करोड़ रुपए।

-वन पर्यावरण के लिए सरकार ने नही खोली झोली। कुल बजट 20 करोड़ दिया सभी केंद्रीय योजनाओ के लिए प्रचुर मात्रा में बजट दिया. 14 लाख 384 करोड़ रुपए नई योजनाओ के लिए सरकार ने बजट दिया। अबकी बार कान्हा उपवन एवम बेसहारा पशुओं की देखभाल के लिए 98 करोड़।

-नई पर्यटन नीति-2018 के तहत रामायण सर्किट, कृष्णा सर्किट, सूफी सर्किट, बौद्ध सर्किट, बुंदेलखंड सर्किट, जैन सर्किट के लिए 70 करोड़ रुपए।

-बजट में ब्रज तीर्थ विकास परिषद की स्थापना एवं सुविधाओं के लिए 100 करोड़ रुपए।

-लोक निर्माण विभाग द्वारा प्रदेश की सड़कों के निर्माण कार्य हेतु 11343 करोड रुपए की बजट की व्यवस्था।

पुलों के निर्माण के लिए 1817 करोड रुपए की व्यवस्था मार्गों की नवीनीकरण अनुरक्षण एवं मरम्मत कार्य के लिए वर्ष 2018 19 में 3324 करोड़ की बजट व्यवस्था।

RIDF योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में मार्गों के नवनिर्माण चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण तथा सिद्ध के निर्माण हेतु 920 करोड़ की व्यवस्था।

पंचायती राज स्वच्छ भारत मिशन के अंर्तगत 5000 हजार करोड़ की व्यवस्था।

श्मशान के लिए 100 करोड़ की व्यवस्था। लघु सिचाई के तहत 36 करोड़ की व्यवस्था।

नई औद्योगिक विकास के लिए 500 करोड़।

सूक्ष्म एवं लघु माध्यम उदगम एक जनपद एक उद्योग के लिए 250 करोड़।

मुख्य्मंत्री युवा स्वरोजगार योजना के।लिए 100 करोड़।

सरयू नहर परियोजना हेतु 1614 करोड रुपए की बजट की व्यवस्था। अर्जुन सहायक परियोजना हेतु 741 करोड़ का बजट।

मध्य गंगा नहर परियोजना हेतु 1701 करोड रुपए का बजट। कनहर सिंचाई परियोजना हेतु 500 करोड रुपए का बजट।

बाणसागर परियोजना हेतु 127 करोड रुपए का बजट। बाढ़ एवं जल प्लावन से बचाव हेतु तटबंध निर्माण, कटाव निरोधक कार्य एवं जल निकासी की विभिन्न परियोजना हेतु 1004 करोड़ की व्यवस्था प्रस्तावित।

गोरखपुर मॉडर्न ऑडिटोरियम के लिए 29 करोड़ 50 लाख रुपए, बजट में अयोध्या की दीपावली और ब्रज की होली के आयोजन के लिए 10 करोड़ रुपए।

योगी आदित्यनाथ सरकार ने अपने पहले बजट में किसान कर्ज माफी पर सबसे ज्यादा जोर दिया था। इस बार किसी भी तरह की कर्जमाफी से सरकार बचने जा रही है। पिछले साल सरकार ने किसानों की कर्ज माफी के लिए 36 हजार करोड़ रुपए रखे थे। इस बार सरकार खासकर युवाओं को तवज्जो देने की दिशा में कदम बढ़ा सकती है। बजट में इस बार लड़कियों के लिए एक खास तोहफा हो सकता है। यह सरकार कन्या विद्या धन योजना और मुख्यमंत्री बालिका शिक्षा प्रोत्साहन योजना शुरू कर सकती है। बजट में सरकार पूर्वांचल एक्सप्रेस के साथ-साथ कानपुर और वाराणसी में मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए भी धन आवंटित कर सकती है। इसके साथ माना जा रहा है कि सीएम योगी आदित्यनाथ अपने दूसरे बजट से भाजपा के लिए 2019 लोकसभा चुनाव की राह तैयार करेंगे। गरीब, किसान और बेरोजगार युवाओं को खास तवज्जो दी जा सकती है।

उत्तर प्रदेश में विधान मंडल के बजट सत्र का आज सातवां दिन है। आज दिन में 12.20 बजे वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल उत्तर प्रदेश सरकार का बजट पेश करेंगे। अनुमान है कि चार लाख करोड़ से अधिक का बजट पेश करेगी। योगी आदित्यनाथ सरकार के इस बजट में किसान, गरीब, नौजवान, महिलाओं व निवेश पर विशेष सुविधा का प्रावधान होगा। विधान भवन में बजट पेश होने के बाद करीब दो बजे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मीडिया को संबोधित करेंगे।

योगी सरकार को सत्ता में आए लगभग एक वर्ष होने जा रहा है। इस सरकार के सामने कानून व्यवस्था, सांस्कृतिक विकास के अलावा आधारभूत ढांचे के विकास को और रफ्तार देना भी बड़ी चुनौती है। वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने कहा कि हम योजनाओं को समयबद्ध पूरा करना चाहते हैं। हम सभी योजनाओं को बजट दे रहे हैं, लेकिन काम समय से पूरा नहीं हुआ और इस नाते लागत बढ़ी तो जबाबदेही अफसर की होगी और उस पर कार्रवाई भी की जाएगी। वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने कहा कि हमारा फोकस जनकल्याण हैं, हम प्रदेश की जनता की उम्मीदों को पूरा करने आए हैं।

उत्तर प्रदेश के आम बजट का इतिहास विकास के इर्द-गिर्द ही घूमता नजर आया है। विकास के विभिन्न आयामों में वितरण कई बार संतुलित रहा तो कई बार सत्तारूढ़ दलों के प्रभाव वाले इलाकों को ज्यादा तवज्जो दी गई। इस बार सूबे में भाजपा की प्रचंड बहुमत वाली सरकार है। इतना ही नहीं सूबे से 73 सांसद भी बीजेपी के हैं। लिहाजा ऐसे में समग्र विकास और विकास में क्षेत्रवार संतुलन बेहद आवश्यक है।

दरअसल देश के सबसे बड़े सूबे के आम बजट पर जनाकांक्षाओं और लोकसभा 2019 के चुनावों का बड़ा दबाव है। बजट हर बार की तरह ज्यादा बड़े आकार में होगा, लेकिन इसके सामने योजनाओं को जमीन पर उतारने की बड़ी चुनौती भी होगी। पिछली बार योगी सरकार ने जब अपना पहला बजट पेश किया था, तब संकल्प पत्र के वादों का उस पर भारी दबाव था। कर्जमाफी से लेकर वेतन आयोग की सिफारिशें खजाने पर भारी पड़ रही थी। पिछली बार सरकार ने 3.84 लाख करोड़ का बजट पेश किया था। इस बार भी बजट के भारी भरकम होने की उम्मीद की जा रही है। इस बार का बजट 4 लाख करोड़ के आंकड़े को पार कर सकता है।

यूपी का पहला बजट सूबे के पहले मुख्यमंत्री गोविन्द बल्लभ पंत ने 14 मार्च 1952 को पेश किया था। उत्तर प्रदेश का पहला बजट कृषि आधारित था। आज एक बार फिर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार किसानों को समर्पित बजट पेश कर सकती है। इस सरकार पर लोकसभा चुनाव का भी दबाव रहेगा।


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