नई दिल्ली। पीएनबी घोटाले में आरोपी नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को दोनों के पासपोर्ट रद्द कर दिए। विदेश मंत्रालय ने यह कार्रवाई प्रवर्तन निदेशालय की अपील पर की है। खबरों के अनुसार दोनों के पासपोर्ट तत्काल प्रभाव से रद्द किए गए हैं जो अगले 4 हफ्ते तक जारी रहेंगे।
वहीं सीबीआई ने मामले में एक और एफआईआर दर्ज की है जिसमें 143 एलओयू 224 फॉरेन लेटर्स ऑफ क्रैडिट शामिल किए गए हैं। यह सभी 31 जनवरी को दर्ज हुई एफआईआर में शामिल 150 एलओयू से अलग हैं। एफआईआर में मेहुल चौकसी की तीन कंपनियों गितांजली जेम्स, जिली और नक्षत्र का नाम है। वहीं इस घोटाले में पंजाब नेशनल बैंक को 4886.72 करोड़ के लॉस की आशंका जताई गई है।
इससे पहले जहां इंटरपोल ने घोटाले में आरोपी डायमंड किंग नीरव मोदी के खिलाफ नोटिस जारी किया है वहीं पंजाब नेशनल बैंक ने अपने 8 और कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया है। इनमें जनरल मैनेजर स्तर के अधिकारी भी शामिल हैं।
खबरों के अनुसार इंटरपोल ने नीरव मोदी के अलावा उनकी पत्नी अमी मोदी, भाई निशाल मोदी और मामा मेहुल चौकसी के खिलाफ डिफ्युजन नोटिस जारी किया है। नीरव मोदी फिलहाल अपने परिवार के साथ विदेश में है और वो घोटाला सामने आने के बाद से ही फरार है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार फिलहाल नीरव मोदी न्यूयॉर्क में है।
नीरव मोदी इस साल 1 जनवरी को देश छोड़कर चला गया है। सीबीआई को पीएनबी की तरफ से 29 जनवरी 2018 को शिकायत मिली थी। सीबीआई से 31 जनवरी को केस दर्ज किया था। नीरव मोदी की पत्नी अमेरिकी नागरिक है। वह भी 6 जनवरी को भारत से चली गई।
सूत्रों के मुताबिक, मेहुल चोकसी ने 4 जनवरी को देश छोड़ा। नीरव मोदी का भाई निशल मोदी बेल्जियम का नागरिक है और उसने भी 1 जनवरी को भारत छोड़ दिया था।
यह है डिफ्युजन नोटिस
यह इंटरपोल द्वारा जारी किया जाने वाला एक नोटिस है। यह वास्तव में एक अलर्ट मैकेनिज्म है। यह किसी नोटिस की तुलना में कम औपचारिक होता है लेकिन इसमें किसी व्यक्ति की गिरफ्तारी या उसकी लोकेशन का पता लगाने की अपील होती है। इसे एनसीबी द्वारा उसके पसंद के सदस्य देशों के लिए या फिर इंटरपोल से सभी सदस्य देशों को सीधे जारी किया जाता है।