माले। मालदीव में सरकार पर पकड़ मजबूत करने के चलते देश में तानाशाही का शिकंजा कसता जा रहा है। बुधवार को सेना ने संसद भवन को अपने नियंत्रण ले लिया और सभी सांसदों को जबरन उठाकर बाहर फेंक दिया गया। इस दौरान की तस्वीरें भी सामने आई हैं, जिनमें सेना कर्मी जबरन सांसदों को उठाकर ले जाते नजर आ रहे हैं।
गौरतलब है कि मालदीव में इस वक्त आपातकाल लगा हुआ है। इस बीच, देश की सेना ने मंगलवार को संसद भवन को घेर लिया था। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, मालदीवन डेमोक्रेटिक पार्टी के सेक्रेटरी जनरल अब्दुल सत्तार ने कहा, ‘सेना ने सांसदों को संसद भवन से बाहर फेंक दिया है। चीफ जस्टिस अब्दुल्ला सईद भी अपने ऑफिस में सच बयां कर रहे थे, जब उन्हें उनके चैंबर से घसीट लिया गया।’
आपातकाल से पर्यटन उद्योग को झटका-
मालदीव में पिछले हफ्ते आपातकाल लागू किए जाने से पर्यटन उद्योग को बड़ा झटका लगा है। टूर ऑपरेटरों के अनुसार, रोजाना सैकड़ों पर्यटक अपनी होटल बुकिंग रद्द करा रहे हैं। मालदीव सरकार हालांकि भरोसा दे रही है कि इस पर्यटन देश में सब कुछ सामान्य है। इसके बावजूद लोग मालदीव की यात्रा करने से कतरा रहे हैं।
मालदीव की अर्थव्यवस्था में पर्यटन उद्योग का एक तिहाई योगदान है। पैराडाइज आइसलैंड रिसॉर्ट विला ग्रुप के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘रोजाना 50 से 60 कमरों की बुकिंग रद्द हो रही है। देश में हमारे दूसरे होटलों में भी ऐसी ही स्थिति है।’
मालदीव में इस महीने की शुरुआत में उस समय हालात बिगड़ गए थे, जब सुप्रीम कोर्ट ने विपक्षी नेताओं को रिहा करने का आदेश दिया था। मगर राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने यह आदेश मानने से इनकार करने के साथ ही देश में आपातकाल लागू करने और जजों को गिरफ्तार करने का निर्देश दे दिया। इसके बाद भारत, अमेरिका, चीन और ब्रिटेन ने अपने नागरिकों से इस देश की यात्रा नहीं करने की सलाह जारी की थी।
विदेशी पत्रकारों को देश छोड़कर जाने का आदेश –
इस बीच, मालदीव में कार्य कर रहे दो विदेशी पत्रकारों को यामीन सरकार ने देश छोड़कर जाने के लिए कहा है। इनमें से एक पत्रकार भारतीय नागरिक है, जबकि एक भारतीय मूल का ब्रिटिश नागरिक है। दोनों को सोमवार को गिरफ्तार किया गया था। ये दोनों पत्रकार मालदीव के राजनीतिक संकट की रिपोर्टिंग कर रहे थे। सरकार ने इसे अवैध कृत्य माना और उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।