वाशिंगटन। अमेरिका और इंडिया के याराने में रक्षा के सूत्र मजबूत होते जा रहे हैं। अमेरिका के यूएस पेसिफिक कमांडर ने कांग्रेस को जानकारी देते हुए बताया कि इस वक्त इंडिया से उसका कारोबार काफी बेहतर स्थिति में है और भारत अब अमेरिका से रणनीतिक साझेदारी बढ़ा रहा है। एडमिरल हैरी बी हैरिस ने कांग्रेस की हाउस आर्म्ड सर्विस कमेटी को बताया कि 21 वीं सदी में अमेरिका के साथ भारत की दोस्ती सबसे ज्यादा चर्चा का विषय रहने वाली है।
अमेरिका भारत को पी 8, सी 130 जे, सी 17, एएच 64, सीएच 47 विमान के साथ एम 777 हावित्जर तोपें बेच रहा है। भारत को उनका देश अभी कई तरह के हथियार भी बेचेगा। उन्होंने समिति को बताया कि मोदी सरकार अमेरिका से दोस्ती को अपने लिए मुफीद मानती है और यह चीज वैश्विक हित में भी है।
दोनों देशों के बीच सहमति है कि समुद्री सीमाओं पर अंतराष्ट्रीय कानून के पालन को लेकर एक साथ काम किया जाए। 2016 के लॉजिस्टिक एक्सचेंज समझौते के तहत पिछले कुछ वर्षो के दौरान भारत के साथ अमेरिकी सेना कई बार अभ्यास कर चुकी है। उनका कहना था कि आने वाले सालों में दोनों के संबंध और ज्यादा मजबूत होने वाले हैं।
दोनों देशों के बीच 500 डॉलर अरब के वार्षिक व्यापार का लक्ष्य-
पिछले साल अरूण जेटली ने कहा था कि भारत-अमेरिका के बीच 500 डॉलर अरब के वार्षिक व्यापार के लक्ष्य को पूरा करने का सपना अब दूर नहीं है। नई दिल्ली ने अमेरिकी कंपनियों खासकर उड़ान कंपनियों और रक्षा क्षेत्र को जो ऑफर दिए हैं उसको लेकर अरुण जेटली ने ये बयान दिया था।
जेटली ने कहा था कि भारत और अमेरिकी के बीच रिश्ते ने पिछले कुछ सालों से काफी मजबूत भागीदारी निभाई है। अब मिशन-500 का लक्ष्य है जिससे दोनों देशों के संबंध को और मजबूती मिलेगी।
गौरतलब है संयुक्त राज्य व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2016 में भारत 67.7 अरब डॉलर के व्यापार के साथ द्विपक्षीय कारोबार में अमेरिका का नौवां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार देश था। यह भारत के पक्ष में एक बड़ी उपलब्धि थी।