मल्टीमीडिया डेस्क। आज हम बात कर रहे हैं, इंडिया ओपन बैडमिंटन चैंपियन बेईवान झेंग की। 27 वर्षीय इस अमेरिकी महिला स्टार खिलाड़ी ने अल्प समय में लंबा सफर तय किया और बड़ी उपलब्धि अपने खेल करियर में हासिल की। 5 फीट 6 इंच कद की झेंग को वर्तमान में महिला एकल में 11वीं रैंकिंग हासिल है।
हालांकि पिछले साल के मुकाबले में उन्हें दो स्थानों का नुकसान हुआ है जबकि शुरुआती दौर में वे 21वीं पायदान पर हुआ करतीं थीं। दाएं हाथ की इस खिलाड़ी ने विश्व जूनियर चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता। फिर एशियाई खेल में कांसा जीता। आइए नजर डालते हैं उनके अनछुए प्रसंगों पर…
झेंग का जन्म 12 जुलाई 1990 को लियाओनिंग (चीन) के लियाओनिंग प्रांत में हुआ। बैडमिंटन उन्हें विरासत में मिली। पिता और माता दोनों ही शौकिया बैडमिंटन खेला करते थे और बड़े खिलाड़ियों का मैच देखने का उन्हें खूब शौक था। यही कारण है कि खेलते हुए या मैच देखने जाते समय झेंग हमेशा साथ होती थी। धीरे-धीरे झेंग ने इस खेल में रुचि लेना आरंभ किया।
7 की उम्र में शुरू किया प्रशिक्षण –
7 की उम्र में बकायदा वे बैडमिंटन प्रशिक्षण के लिए अकादमी में प्रवेश लिया। महज 2 साल के नियमित प्रशिक्षण ने झेंग के करियर को एक नई दिशा दी। वे हर सुबह और शाम के सत्र में 1-1 घंटे अभ्यास करती थीं। पिता झेंग को बैडमिंटन का स्टार खिलाड़ी बनाना चाहते थे। यही चाहत उन्हें सिंगापुर ले आई।
सिंगापुर छोड़ इसलिए आईं अमेरिका –
13 साल की उम्र में झेंग ने सिंगापुर से अपने करियर की एक नई शुरुआत की। 23 की उम्र में एक दौर ऐसा आया जब झेंग को सिंगापुर छोड़ना पड़ा और परिवार के साथ अमेरिका चलीं गईं और आज अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप में अमेरिकी राष्ट्रीय टीम का प्रतिनिधित्व कर रहीं हैं।
एकल खिलाड़ी के रुप में ख्याति –
झेंग एक पेशेवर बैडमिंटन खिलाड़ी होने के साथ ही साथ महिला एकल में महत्वपूर्ण स्थान रखतीं हैं। उन्हें बैडमिंटन जगत में एकल वर्ग का विशेषज्ञ खिलाड़ी भी माना जाता है। भारत सहित चीन, इंडोनेशिया, जापान और मलेशियाई खिलाड़ियों को अपनी विशेष रणनीति से मात देने वाली झेंग आक्रामक खेल को महत्व देतीं हैं। दिलचस्प है कि हर खिलाड़ी के लिए उनकी एक अलग रणनीति होती है और मुकाबले से पहले वे इस रणनीति को अंजाम देती रही हैं। अलग-अलग देशों में रहकर अभ्यास करने के बावजूद अपने खेल में इसका प्रभाव उन्होंने नहीं पड़ने दिया। परिवार से दूर अलग-अलग देशों में जा कर अभ्यास की शायद अब उन्हें आदत-सी हो गई है।
विश्व बैडमिंटन टूर से खासी लोकप्रिय –
झेंग के उतार-चढ़ाव से भरे संघर्षपूर्ण करियर को विश्व बैडमिंटन टूर ने अच्छी लोकप्रियता दिलाई है। बीडब्ल्यूएफ विश्व टूर के अंतर्गत इंडिया ओपन (2018) पहली बार जीतने वाली झेंग अब तक अपने करियर में फ्रेंच ओपन सुपर सीरीज खिताब नहीं जीत सकी हैं। जबकि वे विश्व स्तर पर सात बड़े खिताब अपनी झोली में डाल चुकीं हैं। साथ ही इंटरनेशनल चैलेंज व सीरीज में सात बार की महिला एकल चैंपियन हैं।