हैदराबाद। अयोध्या विवाद का हल कोर्ट के बाहर सुलह-समझौते से निकालने की श्रीश्री रविशंकर की ताजा कोशिशों को दूसरे ही दिन मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने खारिज कर दिया। शुक्रवार को बोर्ड की बैठक में पदाधिकारियों ने कहा कि उसे सुप्रीम कोर्ट का फैसला ही मंजूर होगा।
गुरुवार को आर्ट ऑफ लिविंग के श्रीश्री रविशंकर ने मुस्लिम प्रतिनिधियों के साथ बैठक की थी। इसमें बोर्ड के सदस्य मौलाना सैयद सलमान हुसैन नदवी ने मस्जिद दूसरी जगह बनाने की राय जाहिर की थी।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का हैदराबाद में तीन दिवसीय 26वां अधिवेशन शुरू हुआ। रात में पहले दिन की बैठक के बाद बोर्ड के कार्यकारी सदस्य और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने बताया कि अयोध्या मामले पर पर्सनल लॉ बोर्ड के पुराने रुख में कोई बदलाव नहीं आया है।
उन्होंने पत्रकारों से बातचीत के दौरान बोर्ड का बयान भी पढ़कर सुनाया। इसमें कहा गया कि बोर्ड अपने दिसंबर 1990 और जनवरी 1993 वाले प्रस्ताव पर कायम है। बोर्ड के मुताबिक, यह जमीन मस्जिद के लिए है और इसे न तो बेचा जा सकता है और न ही गिफ्ट किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि एक बार मस्जिद को दी गई जमीन अल्लाह की हो जाती है। इस मामले पर समझौते के लिए की गई सभी बातचीत बिना किसी नतीजे के ही खत्म हुई हैं। इसलिए बोर्ड को अब सिर्फ सुप्रीम कोर्ट का फैसला ही मंजूर होगा।