मुजफ्फरनगर। उप्र का मुजफ्फरनगर जिला प्रशासन भाजपा नेताओं के खिलाफ दर्ज हुए दंगों से जुड़े मुकदमों को वापस कराने के पक्ष में नहीं दिख रहा है। सूत्रों की मानें तो न्याय विभाग उप्र से प्राप्त हुए दो पत्रों के जवाब में जिला प्रशासन ने मुकदमे वापस न करने की मंशा जाहिर की है।
हालांकि जिला प्रशासन की ओर से इसकी पुष्टि नहीं की जा रही है। गौरतलब है कि 2013 में हुए दंगों में 60 से अधिक लोगों को जान गंवानी पड़ी थी, जबकि 40 हजार लोग बेघर हुए थे।
दंगों के तहत विभिन्न थानों में दर्जनों मुकदमे दर्ज हुए थे। इनमें से अधिकतर में भाजपा नेताओं को नामजद किया गया था। वर्तमान में जिनमें से कई विधायक व सांसद हैं। कुछ दिन पूर्व शासन ने दंगों के दौरान दर्ज मुकदमों को वापस लेने के लिए जिला प्रशासन से 13 बिदुओं पर रिपोर्ट तलब की थी।
इस संबंध में न्याय विभाग उप्र से जिला प्रशासन को दो पत्र प्राप्त हुए। सूत्रों की मानें तो जिला प्रशासन ने न्याय हित में मुकदमे वापसी का विरोध करते हुए अभियोजन की आख्या पर शासन को रिपोर्ट प्रेषित कर दी है। मुकदमे वापस लेने के लिए साध्वी प्राची और विधायक उमेश मलिक ने शासन को पत्र लिखा था।
पांच फरवरी को पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने भी भारतीय किसान यूनियन के नेताओं के साथ सीएम से मिलकर मुकदमे वापस लेने की मांग की थी। वहीं एडीएम प्रशासन हरीशचंद्र का कहना है कि अभी तक शासन को दंगों से जुड़े मुकदमों के संबंध में कोई पत्र नहीं लिखा गया है। इस मामले में जिला प्रशासन प्रत्येक तथ्य पर विचार कर रहा है।