स्टॉकहोम। भारत की तरह ही स्वीडन में सफाई अभियान शुरू हो गया है। इसका नाम है ‘प्लॉगिंग”। यह अंग्रेजी के दो शब्दों यानी ‘जॉगिंग और पिकअप” से बना है। इसके अंतर्गत, लोगों को दौड़ते समय अपने हाथ में एक बैग रखना है और रास्ते में जो भी कचरा या प्लास्टिक नजर आए, उसे बैग में डालते जाना है।
इससे दो फायदे हैं। पहला यह कि शहर भी अपनेआप साफ होगा और दूसरा फिटनेस भी बरकरार रहेगी। विशेषज्ञों का भी कहना है कि कुछ वजन लेकर जॉगिंग करना सेहत के लिए फायदेमंद होता है।
2016 में हुई थी शुरुआत
प्लॉगिंग की वैसे तो 2016 में शुरुआत हुई थी, लेकिन इन दिनों बड़ी तादाद में लोगों ने इसे अपनाना शुरू कर दिया है। स्वीडन के रहवासियों ने बीते दिनों सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें और वीडियो साझा किए जिसमें लोगों को जॉगिंग के साथ सफाई करते देखा गया।
स्वीडन के बहुत से लोगों ने प्लॉगिंग को अपनी जीवनशैली का हिस्सा बना लिया है। इसका असर भी देखा जा सकता है। राजधानी स्टॉकहोम की सड़कें व सार्वजनिक स्थल पहले की अपेक्षा स्वच्छ हो गए हैं।
प्लास्टिक जागरुकता की प्रमुख वजह
एक रिपोर्ट के अनुसार, स्वीडन के लोग जलक्षेत्रों में प्लास्टिक के बढ़ते स्तर को लेकर जागरूक हो गए हैं। यूरोप में इसके उपयोग को लेकर आम लोगों का रुख बदला है। डेनमार्क और लक्जमबर्ग जैसे देशों में तो प्लास्टिक के इस्तेमाल पर टैक्स लगाना भी शुरू कर दिया है।