नई दिल्ली। मद्रास हाई कोर्ट के आदेश के बाद नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी NHAI ने अपने अफसरों को देश में मौजूद टोल हाईवे की मरम्मत के निर्देश दिए हैं।
एनएचएआई ने अफसरों को ताकीद किया है कि अगर सड़कों की मरम्मत का काम ठीक नहीं हुआ तो टोल टैक्स आधा कर दिया जाएगा। NHAI ने अफसरों को ये निर्देश मद्रास हाई कोर्ट के उस आदेश के बाद जारी किए हैं, जिसमें कोर्ट ने मदुरई-विरुधूनगर के बीच हाईवे की खराब हालत की वजह से टोल टैक्स आधा करने का फैसला सुनाया था।
NHAI ने अफसरों को दी चेतावनी-
कोर्ट का आदेश आते ही नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने इस पर अमल कराने के लिए ये निर्देश जारी किए। इस मामले में सड़क परिवहन विभाग के सचिव युद्ववीर सिंह मलिक ने कहा कि,” हम कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं और इस आदेश को चुनौती नहीं देंगे। जल्द ही सड़कों के रख-रखाव को लेकर एक प्रोटोकॉल बनाया जाएगा और इसी के मुताबिक साल भर तक हाईवे की मरम्मत के काम पर नजर रखी जाएगी।”
एनएचएआई अफसरों ने भी इस बात की पुष्टि की है कि उन्होंने राज्यों में तैनात अफसरों को ये सलाह दी है कि वो सड़कों की मरम्मत के काम को देखें, ताकि टोल कम करने की नौबत न आए।
सूत्रों की मानें तो ये अपनी तरह का अलग मामला है, जिसमें NHAI ने हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती नहीं देने का फैसला किया है। इसके पीछे NHAI की यही सोच है कि वो नेशनल हाईवे बनाने वाली एजेंसियों को ये संदेश दे कि जनता टोल टैक्स इसलिए चुकाती है कि उन्हें अच्छी सड़कें मिले। अच्छी सुविधा नहीं मिलने की सूरत में जनता को रियायत का पूरा अधिकार है।
इससे पहले 2015 में नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने NH-8 के दिल्ली-जयपुर वाले हिस्से पर बढ़ाए गए टोल टैक्स को घटाने का फैसला किया था। NHAI ने ऐसा इसलिए किया था, क्योंकि इस हिस्से में नेशनल हाईवे की हालत काफी खस्ता थी। ऐसे में खराब सड़क पर टोल टैक्स बढ़ाने का फैसला सुप्रीम कोर्ट के उस निर्देश का उल्लंघन था, जिसमें उसने ये कहा था कि सड़कों की खराब हालत होने पर टोल टैक्स नहीं लिया जाना चाहिए।
मद्रास हाई कोर्ट ने अपने आदेश में ये कहा-
सड़कों पर चलने वाले लोगों का ध्यान रखते हुए मद्रास हाई कोर्ट की मदुरई बेंच ने अंतरिम आदेश पारित करते हुए कहा कि काप्पालुर टोल प्लाजा पर कंपनी तभी पूरा टोल वसूल सकती है, जब इस हाईवे के खराब हो चुके पचास किलोमीटर के हिस्से की मरम्मत का काम पूरा हो जाएगा और रिपोर्ट कोर्ट में पेश की जाएगी।