नई दिल्ली। कासगंज में हुई हिंसा के बाद शहर में अब शांति है लेकिन इसे लेकर शुक्रवार को राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ। विपक्ष में सदन की कार्यवाही शुरू होते ही यह मुद्दा उठाते हुए हंगामा शुरू कर दिया जिसके बाद सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।
बता दें कि गुरुवार को ही विपक्षी दलों की बैठक सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई थी। बैठक में जिन मसलों पर चर्चा हुई उनमें तीन तलाक बिल के साथ सुप्रीम कोर्ट के जजों का विवाद व कासगंज दंगे शामिल थे। सोनिया ने कहा था कि सांप्रदायिक हिंसा के साथ, घृणा की विचारधारा, जातिगत उन्माद को रोकने के लिए विपक्ष को एकजुट रहना होगा। सभी को संवैधानिक दायित्वों के प्रति सजग रहना होगा।
गौरतलब है कि राहुल की ताजपोशी के बाद सोनिया ने विपक्ष की किसी बैठक की पहली बार अगुआई की। कांग्रेस महासचिव गुलाम नबी आजाद ने विपक्ष के सभी दलों से एकजुट होने के लिए संपर्क साधा था। प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बैठक में शामिल नहीं हुई। बैठक के बाद गुलाम नबी आजाद से जब पूछा गया कि क्या यह संप्रग-3 की शुरुआत है तो उनका कहना था– ‘मैं ये नहीं कहूंगा।’
क्या है कासगंज मामला, जिस पर हो रहा हंगामा
उत्तर प्रदेश के कासगंज में 26 जनवरी को विश्व हिन्दू परिषद और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के लोगों ने तिरंगा यात्रा निकाली। आरोप है कि एक समुदाय विशेष के लोगों ने बाइक पर निकली तिरंगा यात्रा पर पथराव किया जिसके बाद हिंसा भड़क गई। हिंसा में चंदन नाम के युवक की मौत हो गई। कासगंज के जिलाधिकारी आर पी सिंह ने बताया कि तिरंगा यात्रा की कोई परमीशन नहीं ली गयी थी।