नई दिल्ली। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पी चिदंबरम ने देश में लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने की हो रही बातों को मोदी सरकार का एक और “चुनावी जुमला” करार दिया है। उन्होंने कहा कि संविधान के मौजूदा प्रावधानों में ऐसा नहीं हो सकता है।
मंगलवार को अपनी किताब “स्पीकिंग ट्रूथ टू पावर” के विमोचन अवसर पर एक पैनल चर्चा में चिदंबरम ने कहा कि भारत का संविधान किसी सरकार को तय (फिक्स्ड) कार्यकाल नहीं देता। ऐसे में जब तक संविधान में संशोधन नहीं हो, एक साथ चुनाव नहीं हो सकते।
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा- “संसदीय लोकतंत्र में, खासकर जब हमारे पास 30 राज्य हों- मौजूदा संविधान के तहत आप एक साथ चुनाव नहीं करा सकते। यह एक और चुनावी जुमला है। पहले एक देश- एक टैक्स जुमला था। अब एक देश- एक चुनाव जुमला है।”
बता दें कि बजट सत्र के पहले दिन संसद के दोनों सदनों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में एकसाथ चुनाव करवाने की सरकार की मंशा जाहिर की थी।