कासगंज। कासगंज में गणतंत्र दिवस पर युवक की हत्या के बाद फैली हिंसा अब काबू में है और शहर में हालात समान्य बताए जा रहे हैं। इस पूरे मामले की जांच राज्य सरकार ने एसआईटी को सौंप दी गई है। इस बीच खबर है कि युवक चंदन की मौत के मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी सलीम को गिरफ्तार कर लिया है।
इस बीच हिंसग्रस्त इलाके के लिए निकले कांग्रेस नेताओं को पुलिस ने रोक दिया है। जानकारी के अनुसार कासगंज डीएम ने कांग्रेस नेताओं के दल को रोक दिया है। इस दल का नेतृत्व कांग्रेस नेता राज बब्बर कर रहे थे।
आरोपियों के घर लगाए नोटिस
दूसरी तरफ पुलिस ने हिंसा में आरोपी लोगों के घर नोटिस लगा दिए हैं। पुलिस ने अब तक चार आरोपियों को हिरासत में लिया है वहीं फरार चल रहे हैं आरोपी वसीम के घर नोटिस लगाकर सरेंडर करने के लिए कहा गया है। इसमें यह भी कहा गया है कि आरोपी अगर सरेंडर नहीं करता है तो उसकी संपत्ति कुर्क की जाएगी।
योगी ने कहा, फिर न हो कासगंज जैसी घटना
कासगंज हिसा को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गुस्सा मंगलवार शाम वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान साफ नजर आया। कानून-व्यवस्था की समीक्षा भी की। उन्होंने कई जिलों के कप्तानों को फटकारा और घटनाओं के जल्द पर्दाफाश का अल्टीमेटम दिया। मुख्यमंत्री ने कासगंज एसपी से बात भी करनी चाही लेकिन, उन्हें बताया गया कि कासगंज एसपी व डीएम क्षेत्र में गश्त कर रहे हैं।
योगी ने कहा कि वह नहीं चाहते कि कासगंज जैसी घटना की पुनरावृत्ति हो। कासगंज में जिन लोगों ने माहौल बिगाड़ा है, उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए।
नकलविहीन परीक्षा को लेकर सभी जिलों के डीएम-एसएसपी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग कर रहे योगी ने जब पुलिस कप्तानों से सवाल-जवाब किए, तब डीजीपी ओपी सिंह भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने मथुरा, फर्रुखाबाद, गोंडा, आजमगढ़ व वाराणसी के कप्तानों से वहां हुई लूट व डकैती की घटनाओं में अब तक की गई कार्रवाई का ब्योरा पूछा।
योगी के सवालों के आगे कप्तानों के पसीने छूट गए। उन्होंने गोंडा में 50 लाख की लूट सहित अन्य बड़ी घटनाओं का पर्दाफाश अब तक न होने को लेकर नाराजगी जताई। लखनऊ में पड़ी डकैतियों का जल्द पर्दाफाश किए जाने की बात भी कही।