नई दिल्ली। दुनिया के कई देशों के पास आज परमाणु बम हैं। हाल ही में अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच जुबानी जंग परमाणु हथियारों के इस्तेमाल तक पहुंच गई थी। कई आतंकी संगठन भी परमाणु हथियारों को हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं।
ऐसे में यदि कभी परमाणु हमला हो जाए, तो यह सबसे जरूरी है कि आपको उससे बचाव का तरीका पता होना चाहिए। जानते हैं इसके बारे में…
लंदन के किंग्स कॉलेज में सेंटर फॉर साइंस एंड सेक्यूरिटी स्टडीज के डेनिएल सेलिसबरी सलाह देते हैं कि सैन्य प्रतिष्ठानों, घनी आबादी और औद्योगिक स्थलों से ज्यादा से ज्यादा दूर जाना सुरक्षित विकल्प है।
किसी गांव में खेत के बीच चला जाना चाहिए। वैसे, किसी प्राकृतिक गुफा में चला जाना भी फायदेमंद है। हमले की जगह से कम-से-कम दो हफ्ते तक दूर रहने की जरूरत है। परमाणु हमले के समय शरण लेना जरूरी है। पनाह किसी सुरक्षित स्थान पर ली जा सकती है, लेकिन उसकी दीवारें मोटी हों और वे विकिरण से बचा सकें। खिड़की, दरवाजों से दूर रहें और बिल्डिंग के बीच में न खड़े हों।
शरणस्थली में तीन विशेषताएं होनी चाहिए—बचाव, दूरी और समय। शरणस्थली की दीवारें मोटी हों, वह घटनास्थल से दूर हो तो बेहतर बचाव हो पाएगा। किसी भवन के तहखाने और ऊपरी मंजिल से बचें। लेकिन खुले की अपेक्षा कहीं भी शरण लेना बेहतर होगा।
विकिरण तेजी से फैलता है। अतः घटनास्थल से दूर होने पर ही शरण लें। जब तक माहौल सुरक्षित होने की घोषण न हो तब तक शरणस्थली से बाहर न जाएं।
रेडिएशन के शिकार होने के लक्षण
हमले के एक सप्ताह बाद भी चक्कर आ रहा हो, सिरदर्द या बुखार रहता हो, डायरिया न रुक रहा हो, मितली आती हो या लगातार खून की उलटी आती रहती हो, कमजोरी बनी रहती हो, बाल उड़ रहे हों तो इसका मतलब आप रेडिएशन के शिकार हो चुके हैं।