बांग्लादेश ने दिया चीन को झटका, सड़क निर्माण का ठेका किया रद्द

asiakhabar.com | January 24, 2018 | 4:22 pm IST

ढाका। एशिया में चीन के बढ़ते कदम को बांग्लादेश ने झटका दिया है। बांग्लादेश ने चीन की एक बड़ी कंपनी की सड़क निर्माण परियोजना को रिश्वत देने के आरोपों के चलते रद्द कर दिया है।

इसके साथ ही कंपनी को ब्‍लैकलिस्‍ट भी कर दिया गया है, ताकि वह भविष्‍य में किसी परियोजना में हिस्‍सा ना ले सके।

वॉयस ऑफ अमेरिका की रिपोर्ट में हुआ खुलासा-

वॉयस ऑफ अमेरिका की एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि सरकारी अधिकारियों को रिश्‍वत देने के आरोप में बांग्‍लादेश सरकार द्वारा चाइना हार्बर इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड को ब्‍लैकलिस्‍ट कर दिया है और उसे भविष्‍य में बांग्‍लादेश की किसी भी निर्माण परियोजना में हिस्‍सा लेने की इजाजत नहीं होगी।

रिपोर्ट में बांग्‍लादेश के वित्‍त मंत्री के हवाले से यह बात कही गई है। उन्‍होंने बांग्‍लादेशी मीडिया ‘द डेली स्‍टार’ को दिए एक इंटरव्यू में इसका खुलासा किया था।

चाइना हार्बर ने बनाया है ग्वादर और हनबटोटा-

यह कंपनी पूर्व में कई जानेमानी परियोजनाओं का जिम्‍मा संभाल चुकी है। इसमें पाकिस्‍तान का ग्‍वादर और श्रीलंका का हनबटोटा पोर्ट शामिल है।

वित्‍त मंत्री के अनुसार, कंपनी ने बांग्‍लादेश हाईवे ट्रांसपोर्ट एंड ब्रिजेज डिपार्टमेंट के नव-निर्वाचित डायरेक्‍टर को घूस देने की कोशिश की थी, जिसका मकसद परियोजना के फंड से जुड़ा था।

डायरेक्‍टर को करीब पांच मिलियन टका देने का प्रस्‍ताव रखा गया था। घूस की इस घटना के कारण वित्‍त मंत्री को परियोजना को रद्द कर कंपनी को ब्‍लैकलिस्‍ट करना पड़ा।

चीन और बांग्लादेश के रिश्ते हैं तल्ख-

रिपोर्ट के अनुसार, निवेश की शर्तों को लेकर पिछले कुछ समय से चीन और बांग्‍लादेश के बीच तनावपूर्ण माहौल चल रहा है। अक्‍टूबर 2016 में जब चीनी राष्‍ट्रपति शी चिनफिंग ने बांग्‍लादेश का दौरा किया था, तब उन्‍होंने 21.5 मिलियन डॉलर की 26 परियोजनाओं को उन्‍हें सौंपा था। हालांकि समझौते के समय चीनी कंपनियों ने निवेश की राशि में बदलाव करने की कोशिश की।

जब बांग्‍लादेश ने चीनी सरकार से इस पर नाराजगी जाहिर की तो इसके बाद इस पर कोई निर्णायक कार्रवाई नहीं हुई।

बांग्‍लादेशी मीडिया के हवाले से रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि सीचीईसी नामक चीनी निर्माण कंपनी भी भ्रष्‍टाचार में लिप्‍त रह चुकी है। कंपनी ने बांग्‍लादेश के अधिकारियों को रिश्‍वत देने की कोशिश की थी।


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