नई दिल्ली। दिल्ली में आम आदमी पार्टी और यूपी में सपा के भीतर जारी घमासान के चलते दोनों ही नेता अपनी-अपनी पार्टी में हाशिए पर कर दिए गए। अपने साथ हुए इस व्यवहार का दर्द कुमार विश्वास के शब्दों में सोमवार को छलका। उन्होंने इटावा में हुए कवि सम्मेलन के दौरान राजनीतिक कटाक्ष करते हुए शिवपाल और खुद को अपनी-अपनी पार्टी का आडवाणी करार दे दिया।
खबरों के अनुसार इटावा के एक स्कूल में आयोजित कवि सम्मेलन में भाग लेने के लिए सोमवार को आए थे। यहां पर बता दें कि समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता शिवपाल सिंह यादव के जन्मदिन पर लखनऊ में सोमवार को आयोजित कवि सम्मेलन में विश्वास ने अपने अंदाज में शिवपाल सिंह यादव के प्रति संवेदना भी जताई वह भी दर्द भरे अंदाज में।
दरअसल, जब से समाजवादी पार्टी मुखिया की कमान अखिलेश यादव के हाथों आई है, तब से शिवपाल की कोई पूछ नहीं है। इस दौरान उन्होंने अपनी पार्टी के 20 विधायकों की सदस्यता रद् करने के फैसले पर भी अफसोस जताया। हालांकि राष्ट्रपति के फैसले पर टिप्पणी नहीं की।
इटावा में कुमार विश्वास की बातों से साफ झलका कि वह राज्यसभा नहीं भेजे जाने से दुखी हैं। और आम आदमी पार्टी नेता कुमार विश्वास यह दर्ज उनकी कविता में भी झलका। कवि सम्मेलन में उपस्थित सपा नेता व विधायक शिवपाल सिंह को लेकर उन्होंने कि वह और शिवपाल अपनी-अपनी पार्टी के आडवाणी हो गए हैं।
कवि सम्मेलन के बाद पत्रकारों रूबरू होने के दौरान AAP नेता कुमार विश्वास ने कहा कि शिवपाल सिंह यादव और उनकी अपनी-अपनी पार्टियों एक जैसी स्थिति है।
जैसे-जैसे उन्होंने बात आगे बढ़ाई राज्यसभा नहीं भेजे जाने का दर्द चेहरे पर साफ दिखने लगा। कुमार ने कहा जिन लोगों ने पार्टी को खड़ा करने में खून-पसीना एक कर दिया नेतृत्व ने उनको पार्टी से किनारे कर दिया।
पढ़ें कवि सम्मेलन की यह कविता, जिसमें सामने आई पीड़ा
पुरानी दोस्ती को इस नई ताकत से मत तौलो,
ये संबंधों की तुरपाई है षडयंत्रों से मत खोलो,
मेरे लहजे की छैनी से गढ़े कुछ देवता जो कल मेरे लफ्जों पे मरते थे,
वो अब कहते हैं मत बोलो।
इस मौके पर उन्होंने अपनी मशहूर कविता ‘कोई दीवाना कहता है …’ भी सुनाई।
इस दौरान उन्होंने पूर्व सपा मुखिया मुलायम सिंह की तारीफ भी की। उन्होंने कहा कि हिंदी के लिए जो काम सपा परिवार ने किया वैसा किसी ने नहीं किया।