इन 18 बच्चों को मिलेगा राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार

asiakhabar.com | January 21, 2018 | 5:50 pm IST
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नई दिल्ली। अपनी वीरता एवं अदम्य साहस का परिचय देने वाले 18 बच्चों को इस वर्ष राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार 2017 से सम्मानित किया जाएगा। यह सम्मान इन बच्चों को 24 जनवरी 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देंगे और ये बहादुर बच्चे आगामी 26 जनवरी गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होंगे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद इन वीर बच्चों के लिए रिसेप्शन देंगे। वीरता पुरस्कार के लिए चयनित बच्चों को पदक, प्रमाणपत्र और नकद राशि दी जाएगी।

राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार-2017 के लिए 11 लड़कों एवं सात लड़कियों को चुना गया है। इनमें तीन बच्चों को मरणोपरांत पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। पुरस्कारों की श्रेणी में इस बार भारत पुरस्कार के लिए उत्तर प्रदेश की 18 वर्षीय नाजिया को चुना गया है। प्रतिष्ठित गीता चोपड़ा पुरस्कार के मरणोपरांत कर्नाटक की 14 वर्षीय नेत्रावती एम चवान को पुरस्कार दिया जाएगा। इसी प्रकार पंजाब के 14 वर्षीय करणबीर सिंह को संजय चोपड़ा पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।

मेघालय के 14 वर्षीय बेट्सवजान पेइंगलांग, ओडिशा की साढ़े सात वर्षीय ममता दलई और केरल के साढ़े तेरह वर्षीय सेबस्टियन विनसेंट को बापू गैधानी पुरस्कार दिया जाएगा। वीरता पुरस्कार पाने वाले अन्य बच्चों में छत्तीसगढ़ की लक्ष्मी यादव, नागालैंड की कुमारी मनशा, शांगपोन कोनयक एवं चिंगाई वांगसा के साथ ही गुजरात की समृद्धि सुशील शर्मा, मिजोरम के एफ. लालछंदमा (मरणोपरांत) और जोनुन्तुलंगा, उत्तराखंड के पंकज सेमवाल, महाराष्ट्र के नादफ एजाज अब्दुल रउफ, मणिपुर की कुमारी लोउक्राकपम चानू (मरणोपरांत) और ओडिशा के पंकज कुमार महंता शामिल हैं।

अपनी जान देकर बचाई दूसरों की जिंदगी

मिजोरम के एफ. लालछंदमा ने अपने दोस्त को नदी में डूबने से बचाने के लिए अपने प्राण दे दिए। जिस वक्त यह हादसा हुआ, वह अपने बोर्ड परीक्षा के नतीजों का इंतजार कर रहे थे। उनके पिता ने बताया कि अपने छोटे से जीवन में उसने वह कर दिखाया, जिसकी शिक्षा उसे परिवार ने दी थी। उन्होंने कहा कि अन्य बच्चों को मेरी नसीहत है कि नतीजों की परवाह किए बिना, अपना सर्वश्रेष्ठ दो।

मणिपुर की कुमारी लोउक्राकपम चानू ने एक महिला और उसके बच्चे की जान बचाने के लिए अपने प्राणों की आहूति दे दी। दोनों पुल से नदी में गिर गए थे। हालांकि, चानू ने महिला और उसके बच्चे को तो बचा लिया, लेकिन नदी की तेज धारा में वह खुद को नहीं संभाल पाई और बह गई।

कर्नाटक की 14 वर्षीय नेत्रावती एम चवान को मरणोपरांत प्रतिष्ठित गीता चोपड़ा पुरस्कार के लिए चुना गया है। 13 मई को 30 फीट गहरे तालाब में दो बच्चों को डूबते देखा। वह अपनी जान की परवाह न करते हुए तालाब में कूद गई और अदम्य साहस का परिचय देते हुए 16 साल के मुथू को पानी से बाहर निकाल लाई। 10 साल के गणेश को बचाने के लिए जब वह दोबार पानी में कूदी, तो डर के मारे बच्चे ने चवान का गला इतनी कस के पकड़ लिया कि वह बच नहीं सकी। हालांकि, उसने दोनों की जान बचा ली।

मगरमच्छों से भिड़ गई

ओडिशा की रहने वाली छह साल की ममता दलाई पुरस्कार पाने वाली सबसे कम उम्र की बच्ची है। अपनी बड़ी बहन को बचाने के लिए वह पांच मगरमच्छों से भिड़ गई। वह दिल्ली में पहली बार आकर काफी खुश है। उसे बापू गैधानी पुरस्कार दिया जाएगा।

सट्टा बंद कराया

पुरस्कार के लिए चयनित नाजिया ने उत्तर प्रदेश में आगरा जिले के मंटोला क्षेत्र में जुए एवं सट्टे के अवैध कारोबार के खिलाफ जमकर संघर्ष है। उसने ऐसे गलत धंधों से जुड़े साक्ष्य जुटाए और 13 जुलाई 2016 को पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई। इसके बाद चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया और सट्टेबाजी का धंधा बंद हो गया।

नाजिया को इसके लिए कई धमकियां मिलीं और उसे अगवा करने की भी कोशिश की गई। मगर, उसने हार नहीं मानी और इन सब वाकयों से पुलिस और प्रशासन के उच्चाधिकारियों को अवगत कराने के साथ ही प्रदेश के मुख्यमंत्री से भी मदद मांगी। बाद में ऐसे बदमाशों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हुई और नाजिया की सुरक्षा भी सुनिश्चित की गई।

15 बच्चों की बचाई जान

संजय चोपड़ा पुरस्कार के लिए चयनित पंजाब के करणबीर सिंह ने अपने अथक प्रयास और साहस से कई लोगों की जान बचाने का काम किया। पिछले वर्ष 20 सितंबर को स्कूली बच्चों को लेकर आ रही एक बस अटारी गांव के पास एक पुल को पार करते समय नाले में गिर गई। इसी दौरान करणबीर बस की खिड़की तोड़कर बाहर निकले और एक-एक 15 बच्चों को बस से बाहर निकाला। हालांकि, इस घटना में करणबीर स्वयं घायल हो गए। दुर्भाग्य से सात बच्चों को नहीं बचाया जा सका।

बदमाशों को पकड़वाया

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की लक्ष्मी यादव दो अगस्त 2016 को अपने मित्र के साथ गणेश नगर इलाके में खड़ी थी। इसी दौरान वहां पहुंचे तीन बदमाशों ने उन दोनों के साथ मारपीट की। बदमाश लक्ष्मी को जबरन मोटरसाइकिल पर बिठाकर सुनसान जगह ले गए। ऐसी स्थिति में भी उसने बहादुरी का परिचय दिया और किसी तरह मोटरसाइकिल की चाबी निकालकर छुपा दी और वहां से भाग निकली तथा पुलिस थाने पहुंचकर घटना की सूचना दी। तत्काल हरकत में आई पुलिस ने तीनों अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया।


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