मुरादनगर (गाजियाबाद)। तीन किशोरों की सतर्कता से शुक्रवार की सुबह बड़ा रेल हादसा होने से बचा। मुरादनगर रेलवे स्टेशन के समीप एक युवक को रेलवे ट्रैक से फिश प्लेटें खोलता देख किशोरों ने पकड़ा और पिटाई कर स्टेशन मास्टर के सुपुर्द किया। इस बीच देहरादून एक्सप्रेस के आने का समय हो चुका था,यदि थोड़ी देर और होती तो रेल हादसा हो सकता था।
युवक को हिरासत में लेकर जीआरपी, आरपीएफ, इंटेलिजेंस ब्यूरो(आइबी) और स्थानीय खुफिया इकाई (एलआइयू)की टीम पूछताछ कर रही है। बुलंदशहर से मिली प्रारंभिक सूचना के अनुसार आरोपी पर वहां लूट और गैंगस्टर सहित तीन मुकदमे दर्ज हैं। रेल ट्रैक बाधित होने से अप की देहरादून एक्सप्रेस को तकरीबन पचास मिनट तक मुरादनगर स्टेशन पर रोकना पड़ा। सहारनपुर पैसेंजर ट्रेन को रद कर दिया गया।
फिश प्लेटें खोलते पकड़ा गया युवक फुरकान अली बुलंदशहर के धमेड़ा अड्डा, थाना कोतवाली नगर का निवासी है। वह मुरादनगर स्थित नूरंगज में अपने भाई के यहां रह रहा था। मुरादनगर में खंबा मार्ग स्थित दयानंद कॉलोनी निवासी शिवा (16), विजय (15) और सचिन (14) शुक्रवार सुबह करीब आठ बजे रेलवे ट्रैक के पास गए थे।
करीब सवा आठ बजे जब वे वापस आ रहे थे तो पोल संख्या 38-19 के पास एक युवक को रेलवे ट्रैक पर बैठे देखा। युवक ने उनसे फोन करने के लिए मोबाइल मांगा। किशोरों ने मोबाइल नहीं होने की बात कही। इस बीच सचिन की नजर रेलवे ट्रैक पर पड़ी तो उसने देखा कि पटरियों को आपस में जोड़ने वाली फिश प्लेट और नट-बोल्ट अलग-अलग पड़े हुए थे।
किशोरों ने जब इस बारे में युवक से पूछा तो वह भागने लगा। किशोरों ने पीछा कर उसे पकड़ लिया और धुनाई के बाद स्टेशन मास्टर को सौंप दिया। उसके पास से एक बंसुला और एक किवा़ड़ की एंगल मिली है।
थानाध्यक्ष जीआरपी कृष्ण कुमार ने बताया कि बुलंदशहर पुलिस से उसके आपराधिक रिकार्ड के लिए संपर्क किया जा रहा है। वह खुद को नशेड़ी बता रहा है। पूछताछ में आरोपी ने बताया है कि वह शराब खरीदने के लिए रेल पटरी से नट बोल्ट खोल रहा था।
सिर्फ चार मिनट था जिंदगी-मौत का फासला
देहरादून एक्सप्रेस में शुक्रवार को सफर कर रहे यात्रियों की जिंदगी और मौत में सिर्फ चार मिनट का फासला था। यदि फिश प्लेट निकाले जाने की सूचना मिलने में चार मिनट की देरी हो जाती तो देहरादून एक्सप्रेस खुली हुई पटरी से गुजर जाती, जिससे कोई बड़ा हादसा हो सकता था। बांद्रा से देहरादून जाने वाली देहरादून एक्सप्रेस का समय आठ बजकर 59 मिनट का है, जबकि रेलवे स्टेशन मास्टर को फिश प्लेट निकालने की सूचना आठ बजकर 55 मिनट पर मिली। किशोर उसे जब तक स्टेशन पर लाए, तब तक आठ बजकर 55 मिनट हो चुके थे। यदि चार से पांच मिनट की और देरी कर दी जाती तो देहरादून एक्सप्रेस खुली हुई पटरी पर ही गुजर जाती। सूचना मिलते ही आनन-फानन में उच्चाधिकारियों और कंट्रोल रूम को अवगत कराया गया। देहरादून एक्सप्रेस को करीब 50 मिनट बाद रेलवे ट्रैक को दुरस्त कर रवाना किया गया।