अहमदाबाद। गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल मध्यप्रदेश की नई राज्यपाल होंगी। उन्हें गुजरात में राजनीति की लौह महिला भी कहा जाता है। 21 नवंबर 1941को जन्मीं आनंदीबेन की प्रारंभिक शिक्षा गांव में हुई। चौथी के बाद जिस स्कूल में उनका प्रवेश हुआ वहां वह 700 लड़कों के बीच अकेली लड़की थीं। एथलेटिक्स की अच्छी खिलाड़ी रही हैं। इसके लिए उन्हें वीर बाला पुरस्कार मिला था।
आनंदीबेन पटेल ने एक अगस्त 2016 को फेसबुक के जरिए मुख्यमंत्री पद से अपने इस्तीफे का एलान किया था। उन्होंने आलाकमान से कहा था कि अगली पीढ़ी को काम करने का मौका मिलना चाहिए।
1987 में मिला था “वीरता पुरस्कार”
1960 में विसनगर कॉलेज में पढ़ाई के दौरान वह कॉलेज में विज्ञान की एकमात्र छात्रा थीं। 1970 में वे प्राथमिक स्कूल में शिक्षक बन गईं। उन्हें सर्वश्रेष्ठ शिक्षक का राज्यपाल और राष्ट्रपति पुरस्कार मिला। उन्हें वर्ष 1987 में “वीरता पुरस्कार” मिला था। दरअसल एक छात्रा को डूबने से बचाने वे खुद झील में कूद गई थीं।
राजनीतिक जीवन
वर्ष 1988 में आनंदीबेन भाजपा में शामिल हुईं। पहली बार उन्होंने अकाल पीड़ितों के न्याय मांगने के कार्यक्रम में हिस्सा लिया। 1994 में उन्होंने चीन में चतुर्थ विश्व महिला सम्मेलन में भारत का नेतृत्व किया था। गुजरात में वर्ष 1995 में शंकर सिंह वाघेला ने जब बगावत की उस कठिन दौर में वह नरेंद्र मोदी के साथ पार्टी के लिए काम किया। इसी समय मोदी के साथ नजदीकियां बढ़ीं। 1998 में गुजरात कैबिनेट में आने पर उन्होंने शिक्षा और महिला व बाल कल्याण जैसे मंत्रालयों का जिम्मा संभाला।
निडर व दृढ़ इरादों वाली
1998 से गुजरात की विधायक रही हैं। वह निडर और दृढ़ इरादों वाली महिला हैं। मोदी की मुख्यमंत्री काल में वे विभिन्ना विभागों की कैबिनेट मंत्री रहीं। वर्ष-2014 के शीर्ष 100 प्रभावशाली भारतीयों में सूचीबद्ध रहीं।