बाहुबली द कंक्लूज़न’ निर्विवादित तौर पर भारतीय सिनेमा की सबसे सफल फ़िल्म कही जा सकती है। इसकी कामयाबी ना सिर्फ़ अभूतपूर्व है, बल्कि शोध का विषय भी है। शायद इसीलिए देश के सर्वोच्च मैनेजमेंट संस्थान इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट, अहमदाबाद ने ‘बाहुबली 2’ को अपने पाठ्यक्रम में शामिल किया है।
2017 में 28 अप्रैल को रिलीज़ हुई ‘बाहुबली 2’ ने भारतीय बॉक्स ऑफ़िस पर कीर्तिमान स्थापित किए। दुनियाभर में इसने 1700 करोड़ से अधिक कारोबार किया। इसका हिंदी में डब वर्ज़न हिंदी सिनेमा की सबसे कामयाब फ़िल्म है, जिसने 511 करोड़ का कलेक्शन घरेलू बॉक्स ऑफ़िस पर किया। ऐसी दीवानगी पिछले कुछ सालों में किसी फ़िल्म के लिए नहीं देखी गयी। सीरीज़ की पहली फ़िल्म ‘बाहुबली द बिगिनिंग’ 2015 में रिलीज़ हुई थी और इसके बाद आने वाले 2 सालों में अगर किसी फ़िल्म की चर्चा सबसे अधिक हुई तो वो बाहुबली 2 ही थी। फ़िल्म की इसी ऐतिहासिक सफलता ने ‘आईआईएम अहमदाबाद’ का ध्यान अपनी तरफ़ खींचा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार Contemporary Film Industry- A business perspective के छात्र बाहुबली 2 का केस स्टडी के रूप में अध्ययन करेंगे। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों को सीक्वल की ताक़त बताना होगा कि एक सीक्वल मार्केटिंग कांसेप्ट के तौर पर कैसे रिस्क फैक्टर को कम कर सकता है। बता दें कि बाहुबली 2 गूगल सर्च ट्रैंड में भी 2017 की नंबर वन फ़िल्म रही है। जब टीवी पर रिलीज़ हुई तब भी बाहुबली 2 ने सबसे अधिक व्यूअरशिप का रिकॉर्ड का कायम किया था। एसएस राजामौली निर्देशित फ़िल्म बाहुबली 2 में प्रभास, राणा दग्गूबाती, राम्या कृष्णन और अनुष्का शेट्टी ने मुख्य भूमिकाएं निभायी थीं।
वैसे ये पहली दफ़ा नहीं है, जब कोई फ़िल्म किसी मैनेजमेंट शिक्षण संस्थान में अध्ययन का केंद्र बनी हो। छात्रों को लीडरशिप ट्रेनिंग देने के लिए लगान और चक दे इंडिया जैसी फ़िल्में मैनेजमेंट संस्थानों में प्रवेश लेती रही हैं। 2001 में आई आमिर ख़ान की ‘लगान’ को आईआईएम इंदौर में एक केस स्टडी के तौर पर शामिल किया गया था। कुछ और मैनेजमेंट संस्थानों ने शाहरुख़ ख़ान की ‘चक दे इंडिया’ और ‘ट्रैफिक सिग्नल’ जैसी फ़िल्मों को अपने पाठ्यक्रमों में शामिल किया था।
रितिक रोशन की सुपर हिट फ़िल्म ‘क्रिश’ इसकी मार्केटिंग स्ट्रेटजी और पैकेजिंग के लिए आईआईएम-इंदौर में बतौर केस स्टडी पढ़ाई जा चुकी है। आमिर ख़ान की 2007 में आई ‘गजनी’ भी मैनेजमेंट संस्थानों के बीच काफ़ी चर्चित रही। फ़िल्म की मार्केटिंग स्ट्रेटजी काफ़ी चर्चित रही थी, जिसके चलते इसे केस स्टडी के रूप में शामिल किया गया।