चाईबासा। झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले में हुए खनन घोटाले की जांच शुरू हो गई है। मंत्री सरयू राय द्वारा घोटाले का आरोप लगाए जाने के बाद उपायुक्त अरवा राजकमल ने खनन पदाधिकारी कमलेश्वरी दास से इस संबंध में जवाब मांगा है।
मालूम हो कि पश्चिम सिहभूम जिले में तय मानक से अधिक खनन करने वाली कंपनियों पर 2013 में शाह कमीशन की रिपोर्ट के बाद तत्कालीन जिला खनन पदाधिकारी अजीत कुमार ने 6300 करोड़ रुपये जुर्माना लगाया था।
जुर्माना वसूलने की बजाय वर्तमान जिला खनन पदाधिकारी कमलेश्वरी दास ने जुर्माने की राशि बिना सरकार से इजाजत लिए घटाकर महज 2700 करोड़ रुपये कर दी। इस तरह बड़े पैमाने पर सरकार को राजस्व की क्षति हुई है। मंत्री सरयू राय ने गत दिनों चाईबासा में मीडिया के समक्ष इस खनन घोटाले को उजागर किया था। उन्होंने अपनी ही राज्य सरकार से इसकी जांच कराने की मांग की थी।
माना जा रहा है कि सरकार के निर्देश पर ही उपायुक्त अरवा राजकमल ने आरोपी जिला खनन पदाधिकारी से इस संबंध में जवाब मांगा है। उपायुक्त ने मंगलवार को मीडिया से कहा कि मामले की छानबीन की जा रही है। प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। खनन पदाधिकारी से जवाब मिलने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।
मालूम हो कि मंत्री सरयू राय ने कहा था कि जब उन्होंने जिला खनन पदाधिकारी कमलेश्वरी दास से पूछा कि किसके आदेश पर ऐसा किया गया तो अधिकारी ने उन्हें बताया कि इंडियन ब्यूरो आफ माइंस की गाइड लाइन पर स्वयं ऐसा फैसला लिया।
मंत्री सरयू राय के अनुसार, इस तरह का बदलाव करने का अधिकार सिर्फ विभागीय मंत्री को ही है। उनका आरोप है कि कंपनियों से मिलीभगत कर अधिकारी ने न सिर्फ राजस्व को नुकसान पहुंचाया है, बल्कि घोटाला भी किया है।