नई दिल्ली। पिछले दिनों आधार कार्ड की सुरक्षा को लेकर आई खबरों के बाद अब इसकी सुरक्षा को और बेहतर करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। इसके लिए सरकार ने वर्चुअल आईडी से आधार को सुरक्षित करने की घोषणा की है।
वर्चुअल आईडी की सुविधा 1 मार्च से मिलनी शुरू हो जाएगी। हालांकि 1 जून से सभी एजेसियों के लिए अनिवार्य हो जाएगा कि वह वर्चुअल आईडी को स्वीकार करें। यदि कोई एजेंसी इसके बाद वर्चुअल आइडी स्वीकार करने से इन्कार करती है, तो उस पर आर्थिक जुर्माना भी लगाया जाएगा।
क्या है वर्चुअल आईडी
वर्चुअल आईडी दरअसल एक 16 अंको का कोड होगा जो आधार नंबर की जगह उपयोग किया जा सकेगा। इसके चलते सुविधाओं का लाभ लेने के लिए 12 अंकों वाला आधार नंबर देना अनिवार्य नहीं होगा। इसके बदले लोग वर्चुअल आइडी का इस्तेमाल कर सकेंगे। इससे लोगों की पहचान सुरक्षित रहेगी। साथ ही “अपने ग्राहक को जानो” की सुविधा को भी सीमित किया जाएगा। वर्चुअल आइडी हर जगह आधार नंबर देने की मजबूरी खत्म कर देगी। इससे आधार के विवरण मसलन नाम, उम्र, पता आदि भी सुरक्षित रखे जा सकेंगे।
कैसे करें जनरेट
आधार की जगह वर्चुअल आईडी जनरेट करने के लिए आधार कार्ड धारक को यूआईडीएआई की वेबसाइट पर जाना होगा। वेबसाइट पर एक टैब दिया जाएगा जिसके माध्यम से आप अपना वर्चुअल आईडी जनरेट कर सकेंगे। यह वर्चुअल आईडी अनगिनत बार जनरेट किया जा सकेगा और नया आईडी जनरेट होते ही पुराना बेकार हो जाएगा। इसकी खास बात यह रहेगी कि वर्चुअल आइडी की नकल नहीं की जा सकेगी।
देश में 119 करोड़ आधार कार्ड
यूआईडीएआइ ने कहा है कि हाल के दिनों में आधार की निजता को लेकर कई सवाल उठे हैं। इसे ध्यान में रखते हुए आधार को और मजबूत करने के लिए नई प्रक्रियाएं शुरू की गई हैं। उल्लेखनीय है कि अब तक देश में 119 करोड़ आधार कार्ड बनाए जा चुके हैं। बैंक, टेलीकॉम, सार्वजनिक वितरण और आयकर जैसे विभागों में इसका उपयोग किया जा रहा है।