नई दिल्ली। अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में दो आरोपियों को इटली की कोर्ट द्वारा बरी किए जाने के बाद भारत को बड़ा झटका लगा है। हालांकि, मामले की जांच कर रही सीबीआई और ईडी ने कहा है कि हमारी जांच स्वतंत्र है और इटली के फैसले से इस पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
एक अंग्रेजी अखबार की खबरों के अनुसार सीबीआई प्रवक्ता ने कहा है कि इटली में जो केस चल रहा था वो वहां की जांच एजेंसियों द्वारा दिए गए सबूतों के आधार पर था। हमारी जांच स्वतंत्र है और आरोपियों के खिलाफ यह काफी पुख्ता है।
बता दें कि इटली की मिलान कोर्ट ने फिनमेकैनिका के पूर्व सीईओ ग्यूसेप ओर्सी और अगस्ता-वेस्टलैंड के पूर्व सीईओ ब्रुनो स्पीगनोलिनी को सभी आरोपों से बरी कर दिया है। ओर्सी और ब्रुनो को भारत के साथ वीआईपी हेलिकॉप्टर ऐडवर्ड्स-101 सौदे में कथित रिश्वतखोरी के सभी आरोपों से बरी किया गया है। इस घोटाले ने मनमोहन सिंह की यूपीए-2 सरकार को कई आरोपों के कटघरे में खड़ा कर दिया था।
बताया जा रहा है कि इटली की मिलान कोर्ट ने इस मामले के दोनों आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी किया गया है। बता दें कि अगस्ता वेस्टलैंड मामले में सीबीआइ ने पूर्व भारतीय वायुसेना के चीफ एसपी त्यागी समेत 9 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।
अगस्ता वेस्टलैंड की पैरेंट कंपनी इटली की फिनमेकानिका है। इस कंपनी ने 3600 करोड़ रुपये में 12 हेलिकॉप्टर का सौदा हासिल किया गया था।
2010 में हुए इस सौदे में इटली की जांच एजेंसी ने रिश्वतखोरी का आरोप लगाते हुए, वहां की अदालत में मुकदमा दायर किया था, लेकिन अब इस मामले में वहां मुख्य आरोपी बरी हो गए हैं।