वाशिंगटन। आतंकियों को पनाह दे रहे पाकिस्तान पर अमेरिका का शिकंजा कसता जा रहा है। चालू हफ्ते में पाकिस्तान को लेकर कुछ और कड़े फैसले सामने आ सकते हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पाकिस्तान को लेकर कड़े रुख को देखते हुए प्रशासन अब कड़े फैसले लेने की दिशा में सक्रिय हो गया है। यह जानकारी अमेरिकी राष्ट्रपति के व्हाइट हाउस कार्यालय की प्रवक्ता सारा सैंडर्स दी है। सैंडर्स पाकिस्तान को ट्रंप द्वारा झूठा और धोखेबाज देश कहे जाने के नतीजे के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब दे रही थीं।
प्रवक्ता ने कहा, आतंकवाद को रोकने के लिए पाकिस्तान ज्यादा प्रयास करे, यह हमारी अपेक्षा है। इसी के तहत उसे आतंकियों की सुरक्षित पनाहगाहों को खत्म करना होगा और उनके खिलाफ सख्त कदम उठाने होंगे। फिलहाल इस बाबत पाकिस्तान की ओर से कोई संकेत नहीं मिले हैं। इसलिए पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाने के लिए ट्रंप प्रशासन चंद रोज में ही कुछ कड़े फैसलों की घोषणा कर सकता है। यह घोषणा 24 से 48 घंटे के भीतर हो सकती है। फैसलों का विवरण न देते हुए प्रवक्ता ने इस सिर्फ खास बताया। फॉक्स न्यूज के मुताबिक यह घोषणा गुरुवार को हो सकती है।
नए साल पर अपने पहले ही ट्वीट में राष्ट्रपति ट्रंप ने पाकिस्तान पर हमला बोला था। आतंकवाद से लड़ने के लिए पिछले 15 साल में उसे दी गई 33 अरब डॉलर (दो लाख दस हजार करोड़ रुपये) की सहायता को फिजूल बताया था। इसके अगले ही दिन अमेरिकी सरकार ने पाकिस्तान को दी जाने वाली 25.5 करोड़ डॉलर (1,628 करोड़ रुपये) की आर्थिक सुरक्षा सहायता रद कर दी। बुधवार को संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की स्थायी प्रतिनिधि निक्की हेली ने कहा कि पाकिस्तान का दोहरा खेल अब नहीं चलने वाला। आतंकियों के सुरक्षित पनाहगाहों से नाराज राष्ट्रपति ट्रंप उसकी सभी तरह की सहायता बंद करने के लिए तैयार हैं।
ट्रंप के कड़े रुख से हड़बड़ाए पाकिस्तान ने राष्ट्रपति के बयान को अपने लिए बड़ा धक्का बताया है। कहा है, दोनों देशों के विश्वास पर बड़ी संवेदनहीनता से हमला किया गया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने ट्रंप के 33 अरब डॉलर की सहायता देने के बयान पर सवाल उठाया है। कहा है कि इस धनराशि का ऑडिट कराया जाना चाहिए।