यरुशलम। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की नई दिल्ली यात्रा से महज 11 दिन पहले भारत ने 50 करोड़ डॉलर (3,177 करोड़ रुपये) के स्पाइक एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल सौदे को रद कर दिया है। हालांकि भारत ने इससे एक दिन पहले ही सात करोड़ डॉलर (445 करोड़ रुपये) के बराक मिसाइल सौदे को अंतिम रूप दिया है। दोनों ही सौदों का संबंध इजरायल की सरकारी हथियार निर्माता कंपनी राफेल से है। उसके सीईओ नेतन्याहू के साथ भारत दौरे पर जा रहे हैं।
नई दिल्ली में भारतीय रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने सौदा रद करने के प्रकरण पर टिप्पणी करने से इन्कार किया है।
भारत हाल के वर्षों में इजरायल से हथियारों का बड़ा खरीदार बना है। भारत प्रति वर्ष करीब एक अरब डॉलर (6,500 करोड़ रुपये) के हथियार इजरायल से खरीदता है। 2016 में देश के पहले प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी की इजरायल यात्रा ने दोनों देशों के संबंधों को और मजबूती दी है।
अब जबकि नेतन्याहू भारत जा रहे हैं तब दोनों देशों के संबंधों में और प्रगाढ़ता आने की उम्मीद है। लेकिन स्पाइक एंटी टैंक मिसाइल सौदा रद करने के पीछे भारत ने कोई कारण नहीं बताया है। राफेल ने भारत सरकार के फैसले पर हैरानी जताई है। साथ ही उम्मीद जताई है कि भारत के साथ भविष्य में उसका व्यापार बेहतर होगा। कंपनी भारत के साथ दो दशक से ज्यादा समय से अत्याधुनिक किस्म के हथियारों का व्यापार कर रही है।
मंगलवार को भारत ने 445 करोड़ रुपये के जिन 131 बराक मिसाइलों के सौदे को अंतिम रूप दिया है, उन्हें भारत द्वारा बनाए जा रहे पहले विमान वाहक पोत में लगाए जाने की योजना है। बराक सतह से हवा में मार करने वाली खास मिसाइल है।