रांची। चारा घोटाले में दोषी करार लालू यादव समेत 16 दोषियों के खिलाफ सजा का ऐलान आज हो सकता है। देवघर कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित मामले में सजा के बिंदु पर सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत में सुनवाई होगी। अदालत ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद सहित अन्य अभियुक्तों को 23 दिसंबर, 2017 को दोषी ठहराते हुए सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए तिथि निर्धारित की थी।
लालू फिलहाल रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय जेल में बंद हैं। यह मामला अविभाजित बिहार के देवघर कोषागार से 89.4 लाख रुपये की अवैध निकासी से संबंधित है। अभियुक्तों में लालू सहित चार राजनीतिक नेता, पशुपालन विभाग के पांच अधिकारी और आठ आपूर्तिकर्ता शामिल हैं। अवैध निकासी पशु चारा, दवा व पशुपालन से जुड़े उपकरण की खरीद और विभिन्न पशुपालन केंद्रों में उसकी आपूर्ति और अन्य मदों में की गई थी। सीबीआई की जांच में ये सभी व्यय फर्जी पाए गए थे।
दो मामलों में लालू के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट
चारा घोटाले के दो मामलों में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी करते हुए न्यायालय में उपस्थित होने का आदेश दिया गया है। इसके लिए उनके अधिवक्ता प्रभात कुमार ने अदालत में आवेदन दाखिल किया था। अधिवक्ता ने चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित मामले में सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश एसएस प्रसाद, दुमका कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित मामले में विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह और डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित मामले में सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश प्रदीप कुमार की अदालत में आवेदन दाखिल कर लालू को न्यायिक हिरासत में लेने की मांग की थी।
चाईबासा और दुमका मामले में सीबीआइ की अलग-अलग दो विशेष अदालतों ने प्रोडक्शन वारंट जारी करते हुए लालू को चार जनवरी, 2018 को उपस्थित होने का आदेश दिया है। इसके अलावा डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित मामले में दाखिल आवेदन पर सुनवाई लंबित है। मामले में अगली सुनवाई की तिथि पांच जनवरी निर्धारित है।
प्रोडक्शन वारंट क्यों
अगर लालू प्रसाद को अन्य मामलों में भी न्यायिक हिरासत में लिया जाता है और इन मामलों में भी उन्हें सजा होती है तो जेल में रहने की अवधि को बाद में मिलने वाली सजा में कम कर दिया जाएगा।
कोर्ट की सुरक्षा का जिम्मा होगा 150 पुलिस जवानों के हवाले
देवघर कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित चारा घोटाला मामले में लालू प्रसाद यादव की सजा के बिंदु पर आज फैसला होगा। इसे लेकर 150 पुलिस जवानों को कोर्ट की सुरक्षा का जिम्मा सौंपा गया है। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि लालू प्रसाद को कोर्ट लाया जाएगा या फिर वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये उन्हें सजा सुनाई जाएगी।
23 दिसंबर 2017 को लालू यादव की सुरक्षा में चूक होने के बाद कोर्ट कैंपस की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। कोर्ट कैंपस को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है। सादे लिबास में भी पुलिस जवानों को तैनात किया गया है। किसी भी लालू समर्थक को वाहन से कोर्ट कैंपस में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। कोर्ट कैंपस के अलावा चौक-चौराहे व आने-जाने वाले मार्ग में अतिरिक्त पुलिस फोर्स की तैनाती की गयी है।