नई दिल्ली। तीन तलाक को अपराध की श्रेणी में लाने वाला ट्रिपल तलाक विरोधी बिल केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बुधवार को राज्यसभा में पेश किया। इस बिल पर कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने नोटिस देकर इसे संसद की स्टैंडिंग कमिटी को भेजने का प्रस्ताव रखा।
इसके बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने तीन तलाक विधेयक पर कांग्रेस पर दोहरा रुख अपनाने का आरोप लगाया है। जेटली ने कहा कि कांग्रेस लोकसभा में समर्थन के बाद राज्यसभा में विधेयक को रोकने की कोशिश कर रही है। भाजपा संसदीय दल को संबोधित करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार बिल पर एक बहस चाहती है, जो तत्काल तालाक को दोषी ठहराते हैं।
संसदीय मामलों के मंत्री अनंत कुमार ने संवाददाताओं से कहा कि जीएसटी विधेयक की तरह इसे भी सर्वसम्मति से पारित करना चाहिए। जेटली के समर्थन में उन्होंने कहा कि कांग्रेस दोहरे मानकों को दिखा रही है। लोकसभा में इसे समर्थन देने के बाद यह राज्यसभा में बिल को रोकने की कोशिश कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी भाजपा सांसदों की साप्ताहिक बैठक में उपस्थित थे। सरकार को अपने विधेयक को पारित करने के लिए राज्यसभा में विपक्ष और अन्य गैर-एनडीए दलों पर निर्भर है क्योंकि यहां उसे लोकसभा की तरह बहुमत हासिल नहीं है। सरकार ने इस कारण ही अपने सभी सासंदों को मंगलवार को ही तीन लाइन का व्हिप जारी कर सदन में मौजूद रहने के लिए कहा था। राज्यसभा में पेश होने वाले इस बिल को पास करवाने के लिए सरकार विपक्षी दलों का समर्थन जुटाने में लगी है लेकिन विपक्षी दल इसका विरोध कर सकते हैं।
खबरों के अनुसार बिल को विपक्ष का समर्थन कांग्रेस के रुख पर निर्भर करता है। बता दें कि लेफ्ट व अन्य दल लगातार इस बिल को सिलेक्ट कमेटी के पास भेजने की मांग कर रहे हैं। सभी दल बिल में तीन तलाक को आपराधिक बनाए जाने का विरोध कर रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक भाजपा के रणनीतिकार मंगलवार को दिन भर विपक्षी नेताओं से मुलाकात कर सदन में विधेयक के पक्ष में आमराय बनाने की कोशिश करते रहे। सपा नेता मुलायम सिंह यादव, बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्र, एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल और कांग्रेस के नेताओं से मुलाकात कर विधेयक के पक्ष में मतदान करने का अनुरोध किया गया। सूत्रों का कहना है कि ज्यादातर नेताओं ने हामी भरी।