लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित मदरसा जामिया खदीजतुल कुबरा लिलबनात में छात्राओं से यौन शोषण काफी समय से चल रहा था। हालांकि आरोपित मैनेजर तैयब जिया के खौफ से लड़कियां किसी से कुछ बोल नहीं पा रही थीं।
पुलिस ने शुक्रवार को जब मदरसे में छापेमारी की तो लड़कियों ने पत्र लिखकर पुलिसकर्मियों के पास फेंका। पत्र में छात्राओं ने लिखा है कि तैयब जिया रात में लड़कियों को अपने कमरे में बुलाता था। एएसपी पश्चिम विकास चंद त्रिपाठी के मुताबिक, करीब 12 वर्ष पूर्व मदरसे का संचालन शुरू हुआ था। खुद को संरक्षक बताने वाले सैयद अशरफ जिलानी का दावा है कि उन्होंने जमीन खरीदकर मदरसा शुरू कराया था और देखरेख के लिए सैयद जिया को रखा था। कुछ दिनों से सैयद अशरफ जिलानी को मदरसे में यौन शोषण की शिकायत मिल रही थी, जिसकी पड़ताल करने वह गुरुवार को वहां गए थे।
बुला ली थी पुलिस –
सैयद अशरफ जिलानी का कहना है कि पूर्व में मदरसे का नाम असरफिया मिनाईया था, जहां केवल छात्र पढ़ते थे। हालांकि कुछ समय बाद ही आरोपित ने वहां सिर्फ छात्राओं को पढ़ाने की बात कही और मदरसे का नाम भी बदल दिया।
आरोप है कि गुरुवार को जब वह मदरसे में यौन शोषण की पुष्टि करने आए और आरोपित से पूछताछ की तो वह भड़क गया। आरोपित ने पुलिस को फोन कर बुला लिया और उन पर बंधक बनाने और अगवा करने का आरोप लगाते हुए पुलिस को तहरीर दे दी।
छत से फेंकीं चिट्ठियां –
पुलिस का कहना है कि गुरुवार को दोनों पक्षों को शांत कराया गया। सैयद अशरफ जिलानी ने बताया कि जब वह मदरसे से जाने लगे तो छत से छात्राओं ने चिट्ठियां लिखकर फेंकी और मदद की गुहार लगाई।
इसके बाद उन्होंने एसएसपी से मिलकर मामले की शिकायत की। आरोप है कि सैयद जिया लड़कियों को बंधक बनाकर रखा था और उन्हें कुछ भी बोलने पर परिणाम भुगतने की धमकी देता था।
मुक्त कराई गईं सभी छात्राएं –
एसएसपी का कहना है कि मदरसे में कक्षा एक से 12वीं तक की छात्राएं शिक्षा ग्रहण करती थीं। इनमें अधिकांश छात्राएं नाबालिग हैं। छापेमारी के दौरान बरामद की गई 51 छात्राओं को वहां से मुक्त करा लिया गया है।
चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के सदस्यों की मदद से पुलिस ने सभी को बाल संरक्षण गृह में रखा है। पुलिस का कहना है कि छात्राओं के परिवारीजनों को मामले की सूचना दे दी गई है।
दर्ज हुआ पीड़ित छात्राओं का बयान –
महिला पुलिस, चाइल्ड वेलफेयर कमेटी की महिला सदस्यों और मजिस्ट्रेट के समक्ष छात्राओं के बयान दर्ज किए गए हैं। छात्राओं ने बयान में बंधक बनाने, मारपीट एवं कमरे में बुलाकर छेड़छाड़ करने समेत अन्य बातें कही हैं।
पुलिस ने इसके आधार पर आरोपित सैयद जिया के खिलाफ विभिन्न धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर ली है। सैयद अशरफ जिलानी का आरोप है कि आरोपित मदरसे की जमीन को हड़पने की फिराक में था और उसने फर्जी कागजात भी तैयार कर लिए थे।
मछली मंडी स्थित कमरे में लेकर जाता था –
आरोप है कि सैयद जिया लड़कियों को बहाने से मछली मंडी स्थित खदीजतुल कुबरा फाउंडेशन के नाम से बनी कॉलोनी में लेकर जाता था। यहां वह छात्राओं के साथ छेड़छाड़ करता था। पुलिस ने मदरसे में रखा छात्राओं का सामान निकलवाकर बाल संरक्षण गृह में भिजवाया है। साथ ही आरोपित के कमरे की तलाशी भी ले रही है।
विरोध पर निकाला था शिक्षक को –
छात्राओं ने बताया कि उन्होंने यौन शोषण की शिकायत पूर्व में मौजूद एक शिक्षक से की थी। इस पर उक्त शिक्षक ने आरोपित की करतूत का विरोध किया था, जिसपर सैयद जिया ने उस शिक्षक को ही मदरसे से बाहर निकाल कर दिया था।
आरोपित अक्सर रसोई घर में घुस जाता था और छात्राओं के साथ अभद्र व्यवहार करता था। छात्राओं ने बयान में बताया है कि जब वह आरोपित के पैर दबाने से मना करती थीं तो उनकी बेरहमी से पिटाई करता था। पुलिस का कहना है कि वहां मौजूद लड़कियों ने मदरसे के मैनेजर पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है।
बीती रात की इस रेड में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। साथ ही पुलिस का कहना है कि मदरसे का मैनेजर भी गिरफ्तार कर लिया गया है। मामले की पूरी जानकारी देते हुए वेस्ट एरिया के एसपी ने बताया कि हम यह भी पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि मदरसा रजिस्टर्ड था या नहीं।