मुरादाबाद। लोकसभा ने एक बार में तीन तलाक को अवैध करार देने वाले मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक 2017 को मंजूरी दे दी। इसके बाद भी अभी लोग तीन तलाक देने से बाज नहीं आ रहे हैं। विधेयक को मंजूरी मिलने के बाद अब अब ऐसे पतियों को जेल की हवा खानी पड़ेगी जो एक बार में तीन तलाक का इस्तेमाल करेंगे।
पीतलनगरी मुरादाबाद में दहेज में दस लाख रुपए न देने पर पति ने धोखाधड़ी कर महिला को तीन तलाक दे दिया। गुरुवार को पीड़िता की तहरीर पर ससुराल के पांच लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई। नागफनी थाना क्षेत्र के दौलतबाग निवासी वरीशा का निकाह मुगलपुरा के लालबाग निवासी शाहनुल हक से हुआ था। शादी के बाद कुछ दिन तक तो सब ठीक रहा। उसके बाद ससुराल वाले मायके से दस लाख रुपये नकद लाने की मांग करने लगे। इसके लिए आए दिन किसी न किसी बहाने से उस पर दबाव बना रहे थे। इतना ही नहीं विरोध करने पर मारपीट भी की, गाली गलौज कर प्रताडि़त किया।
पीडि़ता के अनुसार पति तथा अन्य ससुरालियों ने उसे धोखे में रखकर तलाक दे दिया और घर से निकाल दिया। पीडि़ता ने बताया कि उसके पति ने उसे कहा कि अगर तुम दहेज नहीं दे सकती हो तो घर छोड़कर जा सकती हो। पीडि़ता की तहरीर पर पति शाहनुल हक, देवर कमरुल हसन, सास अलादी, मुहम्मद हफीज उर्फ मुन्ना तथा मीना के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई।
लोकसभा में कल पास हुए तीन तलाक विधेयक में एक बार में तीन तलाक को दंडनीय अपराध की श्रेणी में रखते हुए तीन वर्ष तक कारावास और जुर्माने का प्रावधान है।
विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अगर गरीब व त्यक्ता मुस्लिम महिलाओं के पक्ष में खड़ा होना अपराध है तो ये अपराध हम दस बार करेंगे। हम इसे वोट के तराजू में नहीं तोल रहे और सियासत के चश्मे से नहीं, इंसानियत के चश्मे से देखते हैं।