
संजय एम तराणेकर
भारत से मनोज कुमार हो गए अलविदा,
जिसकी देशभक्ति पर दुनिया थी फिदा।
फ़िल्मों में हीरो बनने सपना लिए आया,
फ़ैशन में भिखारी का छोटा रोल पाया।
नौजवान का नाम हरि किशन गोस्वामी,
हाँ कांच की गुड़िया में ब्रेक मिला नामी।
भारत से मनोज कुमार हो गए अलविदा,
जिसकी देशभक्ति पर दुनिया थी फिदा।
विजय भट्ट की ‘हरियाली और रास्ता‘ ने,
उनकी ज़िंदगी का बदल दिया था रास्ता।
कहानी लिखने की कला में रहीं महारत,
‘शोर‘ ने करवाई एक निर्देशक की आहट।
भारत से मनोज कुमार हो गए अलविदा,
जिसकी देशभक्ति पर दुनिया थी फिदा।
देशभक्ति भरे भारत कुमार की हुई छवि,
दिलीप के साथ ‘क्रांति‘ दशकों रहीं हावी।
क्या? याद करू रोटी, कपड़ा और मकान,
पूरब और पश्चिम,गुमनाम बनीं पहचान।
भारत से मनोज कुमार हो गए अलविदा,
जिसकी देशभक्ति पर दुनिया थी फिदा।
शहीद होे नीलकमल, अनीता, दो बदन,
हिमालय की गोद में हैं पत्थर के सनम,
साजन, बेईमान, दस नंबरी,आँखें है नम।
नहीं कोई दूसरा फिल्मी देशभक्त है गम!