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रात को सोने कैसे जाएं इस पर तो खूब चर्चा होती है लेकिन सुबह सोकर किस तरह उठा जाए इसके बारे में लोगों को कम ही जानकारी है। बिस्त र से उठने का भी एक तरीका होता है। अगर आपको यह तरीका पता है तो सारे दिन आप तरोताजा और ऊर्जा से भरपूर रहेंगे। आपने अक्सीर सुना होगा लोग कहते हैं, ‘पता नहीं आज बिस्तरर के किस तरफ से उठा था, पूरा दिन खराब गया।’ लेकिन इस बात में सचाई है, जिस तरह से किस करवट आप सो रहे हैं उसका असर आपकी नींद पर पड़ता है उसी तरह आप किस तरह सोकर उठे हैं वह भी आपके स्वावस्य्ठा को प्रभावित करता है।
सोकर उठने का सही तरीका
आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान दोनों ही मानते हैं कि बिस्तवर की दायीं तरफ से उठना चाहिए। आयुर्वेद के हिसाब से आपके शरीर की दायीं तरफ सूर्य नाड़ी होती है। इसलिए जब आप अपनी दायीं करवट से उठते हैं तो इससे आपका पाचन तंत्र मजबूत होता है।
अच्छी नींद के लिए करें ये उपाय
वहीं साइंस भी मानती है कि हमारे शरीर के आसपास दो चुंबकीय क्षेत्र होते हैं। एक हमारे सिर से पैरों की तरफ जाता है दूसरा पैरों से सिर की तरफ। इसलिए जब आप दायीं करवट सोकर उठते हैं तो अपने शरीर के दूसरे चुंबकीय क्षेत्र को मजबूत करते हैं। इससे आपके शरीर में ऊर्जा का प्रवाह तेज होता है। इस मामले में कुछ और विचार भी हैं जो दायीं करवट उठने का समर्थन करते हैं। इनके हिसाब से दायीं करवट उठने से आपका दिन तनाव मुक्तम गुजरता है।
कमर को तकलीफ न दें
दायीं करवट उठने के अलावा यह भी जरूरी है कि सोकर उठते समय आपकी कमर में मोच वगैरह न आए। इसके लिए ये स्टेभप्सि फॉलो करें:
1. झटके से न उठें
जब भी झटके से बिस्तठर से उठेंगे तो कमर में मोच आने की आशंका ज्यांदा रहेगी। इसलिए आराम से, स्ट्रेटचिंग करके बिस्त र छोड़ना चाहिए।
2. हाथों के सहारे उठें
बिस्तसर से उठने के लिए पहले हाथों का सहारा लें। इससे आपकी गर्दन और कमर पर बेवजह जोर नहीं पड़ेगा।
3. रिलेक्स। करके बिस्तहर से उठें
उठ कर बैठने के बाद कुछ देर बिस्तिर पर बैठकर रिलेक्स करें। हड़बड़ाकर नहीं उठें।