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नई दिल्ली:यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने शुक्रवार को कहा कि भारत एवं यूरोपीय संघ (ईयू) इस साल मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर करने के इच्छुक हैं जो वैश्विक स्तर पर अपनी तरह का सबसे बड़ा समझौता होगा।
लेयेन ने इस बात पर जोर दिया कि भू-राजनीतिक चुनौतियों से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए दोनों पक्षों को रणनीतिक संबंधों को ‘‘अगले स्तर पर’’ ले जाना चाहिए।
वॉन डेर लेयेन ने एक थिंक टैंक को संबोधित करते हुए घोषणा की कि यूरोपीय संघ जापान और दक्षिण कोरिया के साथ किए गए समझौतों की तरह भारत के साथ भविष्य में ‘‘सुरक्षा साझेदारी’’ की संभावनाएं तलाश रहा है।
शीर्ष यूरोपीय नेता ने बताया कि विश्व किस प्रकार ‘‘खतरों’’ से भरा हुआ है और शक्ति को लेकर महाप्रतिस्पर्धा का आधुनिक संस्करण यूरोप और भारत को अपनी साझेदारी के संबंध में ‘‘पुन: कल्पना’’ करने का अवसर देता है।
उन्होंने यह टिप्पणी ऐसे समय में की है जब व्यापार और शुल्क के साथ-साथ रूस-यूक्रेन संघर्ष को लेकर यूरोपीय संघ और अमेरिका के बीच तनाव पैदा हो गया है।
उन्होंने ‘इंडियाज वर्ल्ड’ में कहा, ‘‘पिछले 30 साल में हमने साथ मिलकर बहुत कुछ किया है लेकिन सच तो यह है कि हम अपनी क्षमता का अभी तक बहुत कम दोहन कर पाए हैं इसलिए यह हमारे सहयोग पर सीमाएं लगाने का समय नहीं है।’’
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ वार्ता से पहले कहा, ‘‘यह व्यावहारिक और महत्वाकांक्षी होने का समय है तथा आज की वास्तविकताओं के अनुरूप अपनी प्राथमिकताओं को फिर से संरेखित करने का समय है।’’
लेयेन ‘ईयू कॉलेज ऑफ कमिश्नर्स’ यानी समूह के 27 सदस्य देशों के वरिष्ठ राजनीतिक नेताओं के साथ दो दिवसीय भारत यात्रा के तहत बृहस्पतिवार को यहां पहुंचीं।
यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष ने संपर्क सुविधा के बारे में कहा कि भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप गलियारा भारत, अरब की खाड़ी और यूरोप को सीधे जोड़ने वाला एक आधुनिक सुनहरा मार्ग हो सकता है।
संबंधित घटनाक्रम में, रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने यूरोपीय संघ के रक्षा एवं अंतरिक्ष आयुक्त एंड्रियस कुबिलियस के साथ वार्ता की।
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उन्होंने भारत-यूरोपीय संघ द्विपक्षीय रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग पर व्यापक चर्चा की और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री संपर्क बढ़ाने व सूचना साझा करने पर ध्यान केंद्रित किया।
मंत्रालय ने कहा कि सेठ और कुबिलियस ने रक्षा औद्योगिक सहयोग बढ़ाने के तरीकों और भारत में परियोजनाओं में यूरोपीय रक्षा कंपनियों की भागीदारी पर विचार-विमर्श किया।
बयान में कहा गया है कि उन्होंने यूरोपीय संघ के स्थायी सहयोग और अन्य यूरोपीय विकास परियोजनाओं में भारतीय भागीदारी के तौर-तरीकों पर चर्चा की।
कुबिलियस वॉन डेर लेयेन के प्रतिनिधिमंडल के तहत भारत की यात्रा पर हैं।