सलमान खान के साथ ‘सुल्तान’ जैसी बड़ी ब्लॉकबस्टर फिल्म देने के बाद अब निर्देशक अली अब्बास जफर ‘टाइगर जिंदा है’ लेकर आए हैं। सलमान खान के साथ अपने वर्किंग एक्सपीरियंस पर बात करते हुए अली बताते हैं कि जब वह ‘सुल्तान’ बना रहे थे, उस वक्त सलमान को बहुत नहीं जान पाये थे।
लेकिन इस बार काम करते हुए उन्हें कोई परेशानी नहीं हुई और वह काफी सहज भी हो गए थे। चूंकि सलमान को फिल्म की स्क्रिप्ट पसंद आ गई थी। अली फिर दोहराते हैं कि जब यह स्क्रिप्ट लिखी थी उस वक्त इसे एक था टाइगर का सीक्वल मान कर नहीं लिखा था और न ही सीक्वल बनाने की ही प्लानिंग थी। लेकिन सभी ने स्क्रिप्ट पढ़ने के बाद कहा कि इसे सीक्वल का रूप क्यों नहीं दे सकते। चूंकि एक था टाइगर की जोड़ी सलमान कटरीना को फिल्म के लिए अप्रोच मैंने भी किया था। अली ने बताया कि इस फिल्म में सलमान पहली किस्त से थोड़े रिजर्व किस्म में नज़र आएंगे। इस बार दोनों एजेंट हैं और वे लोग काफी कैल्कुलेटिव होंगे। हमने इसे लेकर काफी रिसर्च की है। अली कहते हैं कि सलमान को इंडस्ट्री में 30 साल का अनुभव है और उन्हें केवल पांच सालों का ही है। ऐसे में जब सलमान को पता चल जाता है कि उन्होंने सीन को ठीक से नहीं किया है तो अली को बोलने की जरूरत नहीं होती है। खुद सलमान आगे बढ़ कर कहते हैं कि एक और टेक ले लेते हैं।
अली बताते हैं कि उनके काम करने का तरीका एकदम सिंपल है। वह सलमान को हमेशा कहते हैं कि आप अपनी बॉडी पर काम करें। फिर शूट पर आयें। शूट के वक्त वह सुबह 9 से 9.30 तक वर्कआउट करके फिर शूट पर आते थे। फिर लंच के बाद वह 2 बजे आयें और फिर हम रात के 10 बजे तक भी काम करते थे।
अली बताते हैं कि सुलतान के बाद इस फिल्म में भी सलमान ने पूरा डेडिकेशन दिखाया है। मुझे सलमान की यह बात पसंद है कि वह ड्रामा एक्शन में भी उतने ही नेचुरल दिखते हैं, जितने नेचुरल वह इमोशनल और रोमांटिक किरदारों में होते हैं। जब वह रोते हैं तो लोग रोते हैं। यह मैंने महसूस किया है। इसलिए वैसे इमोशनल सीन्स डालने की भी मैं हमेशा अपनी फिल्मों में कोशिश करता हूं। अली का मानना है कि सलमान की आंखों में एक अलग ही बात और स्ट्रेंथ है और वह उन्हें अपनी फिल्मों में जरूर इस्तेमाल करते हैं। अली की फिल्म टाइगर जिंदा है 22 दिसंबर को रिलीज़ होने वाली है।