हरियाणा /हिसार : भाजपा वरिष्ठ नेता पूर्व पार्षद रामकेश बंसल ने प्रेस को जारी अपने ब्यान में कहा है कि मुख्य मंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में प्रदेश में तीसरी बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनने के बाद भाजपा के कार्यकर्ता बहुत खुश और सन्तुष्ठ दिखाई दे रहे हैं।वे ऊर्जा से पूर्णतया लबा- लब है।प्रदेश की डबल इंजन की सरकार में तेजी से विकास कार्य होंगे इसके प्रति वह पूरी तरह आश्वस्त है। बंसल ने कहा की परंतु पार्टी में विचार धारा और जड़ों से जुड़े पूर्णतया आस्था और निष्ठा रखने वाले कार्यकर्ताओ में एक बेचैनी भी मन मे अंदर ही अंदर परेशान कर रही है। वास्तव में परेशानी का कारण यह है कि प्रदेश में चुनावी घोषणा होते ही पार्टी के बहुत से पदाधिकारी ,कार्यकर्ता सरकार में सत्ता सुख भोग रहे भाजपा छोड़ कर दूसरी पार्टियों में चले गए वे या तो ऐसे लोग थे जिनको पार्टी की टिकट की उम्मीद समाप्त हो गई थी या टिकट उनको नही मिली।पार्टी के मंडल स्तर से लेकर प्रदेश स्तर के लोगो को भी खूब डगमगाते देखा गया। एक प्रदेश स्तर के नेता जो कई अलग अलग पार्टियों का स्वाद चख चुके थे वे तो बहुत ही चर्चा में रहे । पार्टी ने उन्हें बहुत मान- सम्मान भी दिया, पार्टी की लोकसभा की टिकट भी दी चुनाव हार गए वह अलग बात है ।वह विधान सभा के चुनाव में पार्टी उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार करते- करते अचानक पासा पलटकर दूसरी पार्टी में चले गए। एक और विशेष कारण यह भी था कि कांग्रेस ने मीडिया और जनता के बीच इतना भ्रम फैलाया की कांग्रेस की भारी बहुमत से सरकार आ रही है । ऐसी सोच वाले बहुत से अवसरवादी पार्टी को छोड़ कर चले गए।
कइयों ने तो पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार के खिलाफ अनर्गल आरोप लगा कर निर्दलीय चुनाव लड़ा। उनकी सोच यही रही कि यदि वे जीत गए तो जो भी पार्टी की सरकार बनेगी उसमें शामिल होकर या समर्थन देकर सत्ता का सुख दुबारा प्राप्त कर लेंगे।पार्टी छोड़ कर गए ऐसे अवसरवादी अब भाजपा की सरकार बनते ही पार्टी में वापिस आने के लिए अपनी गोटिया फिट कर रहे है, वे पार्टी में वापिसआने के लिए बुरी तरह बेचैन है। वे चिंतित है कि किसी भी तरह पार्टी में वापिस आकर सत्ता का स्वाद चखते रहे।
यद्द्पि पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ताओ को अपने शीर्ष नेतृत्व पर पूर्णतया विश्वास है कि वे कोई भी ऐसा फैसला नही लेंगे जिससे विचार- धारा से जुड़े व निष्ठावान पार्टी कार्यकर्ताओ केअंतर्मन पर किसी भी तरह का आघात लगे।
निकट भविष्य में नगर निगम के चुनाव भी आने वाले है वे इस फिराक में है कि मेयर, अध्यक्ष औऱ पार्षद का पार्टी का टिकट किसी तरह उन्हें मिल जाए । ऐसे अवसरवादी अपने तर्क पार्टी के सामने रखेंगे व गिड़गिड़ाएंगे। यह निर्णय तो अब नेतृत्व को ही अपने विवेक से करना पड़ेगा। नेतृत्व का ही दायित्व बनता है कि वे पार्टी के मूल्यों और सिद्धान्तों से किसी भी तरह का कोई समझौता अब आने वाले समय मे नही करेंगे। पार्टी के पुराने व निष्ठावान कार्यकर्ताओं को भी महत्व तो दिया ही जाना चाहिए। चापलूस- चाटुकार लोगो को पार्टी जितना अधिक दूर रखेगी उतना ही पार्टी का अपना हित है।
भाजपा विचार – धारा व कैडर आधारित पार्टी है दूसरी पार्टियों से पूरी तरह भिन्न इसकी संस्कृति है। पंडित दीनदयाल जैसे महान चिंतक और विचारक इस पार्टी में हुए हैं। जिनका अनुसरण पार्टी करती आ रही है।एकात्म मानववाद व अंत्योदय के उनके विचार व सिंद्धातों पर चल कर ही राष्ट्र ही नही विश्व का कल्याण संभव हैं।पंडित श्यामा प्रसाद मुखर्जी जैसे महान नेता जिन्होंने राष्ट्र के सम्मान के लिए जम्मू- कश्मीर में अपना बलिदान दे दिया। अटल बिहारी जैसे पार्टी के नेता जिन्होंने पूर्ण बहुमत में एक वोट की कमी के कारण देश का प्रधान मंत्री बनना अस्वीकार कर दिया।
भारतीय जनसंघ की स्थापना से लेकर आज तक देश भर में ऐसे त्यागी तपस्वी कार्यकर्ता जो अपने घर- परिवार का ऐश्वर्य पूर्ण जीवन को त्याग कर राष्ट्र निर्माण और पार्टी संगठन को सुदृढ करने में रात- दिन जुटे हुए हैं । एक बात और मैं विशेष रूप से कहना चाहता हूं।की पार्टी का निर्माण महान उद्देश्य को लेकर हुआ है सत्ता तो केवल महान राष्ट्र निर्माण की दिशा में केवल एक रास्ता भर है।शीर्ष नेतृत्व से केवल यही निवेदन है कि संगठन को मजबूत करने के नाम पर अवसरवादी लोगो का जमावड़ा एकत्रित न करें। पार्टी के मूल कार्यकर्ताओं की यही भावना है।