अनुशासन मर्यादा एवं सहनशीलता का दिव्य स्वरूप निरंकारी महिला संत समागम

asiakhabar.com | August 27, 2024 | 3:47 pm IST

दिल्ली: निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज की प्रेरणा से देशभर में महिला संत समागम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में दिल्ली के सेक्टर 24, निरंकारी कालोनी के निरंकारी सत्संग हाल मैरिज ग्राउंड में दूसरे महिला संत समागम का विशाल रूप में आयोजन किया गया। जिसमें माडल टाउन, संत नगर, निरंकारी कॉलोनी, हरदेव नगर, मुखर्जी नगर, बुरारी, नत्थू पूरा, तिमारपुर सहित एन सी आर से हजारो संख्या में संगते सम्मिलित हुई। समागम की अधक्षता खन्ना से आई बहन स्वेता ने की। जिनका स्वागत संत निरंकारी मंडल की उप-प्रधान आदरणीय बहन राज वासदेव जी ने किया।
संगत को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि संतो के रूप में आज जो यह सुंदर रूप बना है वह आप सभी की किरपा से हुआ है। जब हम सतगुरु पर विश्वास करते है तब हमारे जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आ जाते है।
आगे उन्होंने कहा कि गृहस्थ जीवन में रहते हुए हमें भक्तिमार्ग पर चलना है। अपनी जिमेदारियो को निभाते हुए हमें भक्ति भी करनी है। जब हमारे जीवन में संतोष का भाव आ जाता है तो वह सहज बन जाता है और यह अवस्था इस परमपिता निरंकार से जुड़कर ही संभव है।
हम अपने बच्चो को शिक्षा देते है उन्हे संगत से जोड़ते है तब उन्हे यह एहसास होता है की हमे मैट्रियालिस्ट चीज से नही जुड़ना है क्योंकि यह स्थाई नहीं। स्थाई तो केवल यह निरंकार है इसकी शरण में रहकर हम जीवन को सफल बनाते है।
अन्त में उन्होंने कहा कि हमे इस प्रभु की रजा में रहते हुए पल पल में इसका शुकराना करना है। यही भाव मन में लाना है कि जो मेरे लिए सुखदाई है वही मुझे मिले। ऐसे भाव के साथ ही एक भक्ति भरा जीवन जिया जा सकता है।
इस महिला संत समागम में वक्ताओं ने अपने विचार गीत, लघुनाटिका, भक्ति रचनाओं आदि के माध्यम से प्रेम, दया, सहनशीलता, विश्वास, करुणा व एकत्व आदि मूल्यों पर प्रकाश डाला।


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