वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने देश के अंतरिक्ष यात्रियों को दोबारा चंद्रमा पर भेजना चाहते हैं। उन्होंने मंगलवार को नई अंतरिक्ष नीति पर हस्ताक्षर किए। इसमें कई दशकों के बाद पहली बार नासा को निर्देश दिया गया है कि वह अमेरिकियों को चंद्रमा पर भेजे। ट्रंप के अनुसार इस कदम से भविष्य में मंगल ग्रह की यात्रा की राह खुलेगी।
ह्वाइट हाउस में ट्रंप ने कहा, “मैं जिस आदेश पत्र पर हस्ताक्षर कर रहा हूं, वह अमेरिकी अंतरिक्ष कार्यक्रम में मानव अन्वेषण और खोज पर दोबारा ध्यान देगा। यह 1972 के बाद पहली बार अमेरिकी अंतरिक्ष यात्रियों के लंबे समय के लिए चंद्रमा पर जाने और खोज करने की दिशा में अहम कदम होगा।” उन्होंने कहा, “इस बार हम न सिर्फ वहां ध्वज लगाकर अपनी छाप छोड़ेंगे, बल्कि मंगल मिशन के लिए नींव भी रखेंगे।”
नई अंतरिक्ष नीति पर हस्ताक्षर के दौरान अंतरिक्ष यात्री बज एल्ड्रिन, हैरिसन स्मिट के अलावा पेगी व्हिटसन भी मौजूद थीं। पेगी अंतरिक्ष में 665 दिन गुजार चुकी हैं। कार्यक्रम में 1972 में अपोलो मिशन के तहत चंद्रमा से एकत्र की गई 3.8 अरब साल पुरानी चट्टान को भी रखा गया।
आर्मस्ट्रांग ने रखा था पहला कदम
अमेरिकी अंतरिक्षयात्रियों ने अंतिम बार पिछली सदी के छठे और सातवें दशक में अपोलो मिशन से चंद्रमा की यात्रा की थी। अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग ने 21 जुलाई 1969 को चांद पर पहला कदम रखा था।
भारत का चंद्रयान कार्यक्रम
इसरो ने अंतरिक्षयान चंद्रयान को अक्टूबर, 2008 में लांच किया था और यह अगस्त 2009 तक सक्रिय रहा। चंद्रयान-2 को अगले साल की पहली तिमाही में भेजने की योजना है।