मास्को। भारत और रूस के बीच मिसाइल रक्षा प्रणाली एस-400 के समझौते के लिए बातचीत चल रही है। रूस के एक वरिष्ठ अफसर ने बताया कि रूसी मिसाइल रक्षा प्रणाली की खरीद के लिए भारत और रूस जल्द समझौता कर सकते हैं।
सरकारी रक्षा और औद्योगिक समूह ‘रॉस्टेक’ की अंतरराष्ट्रीय सहयोग और क्षेत्रीय नीति के निदेशक विक्टर ए क्लादोव के अनुसार, फिलहाल इस मसले पर चर्चा चल रही है कि भारत कितनी संख्या में एस-400 खरीदेगा।
समझौता कब होने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘जितना जल्द अनुबंध तैयार होगा, हस्ताक्षर हो जाएंगे। मैं आपको समय के बारे में नहीं बता सकता हूं, क्योंकि मुझे इस बारे में जानकारी नहीं है। वैसे आने वाले समय में यह कभी भी हो सकता है, क्योंकि दोनों टीम इस पर कड़ी मेहनत कर रही हैं।’
तकनीकी पक्ष पर चल रही बातचीत-
क्लादोव ने कहा, ‘तकनीकी पक्ष पर बातचीत चल रही है। यह बेहद उन्नत प्रणाली है। इसके लिए कई तकनीकी पहलुओं को देखा जाना है। इसकी कीमत, प्रशिक्षण, तकनीक के हस्तांतरण, कमान की स्थापना और नियंत्रण केंद्र के बारे में भी वार्ता हो रही है।’
गौरतलब है कि भारत ने पिछले साल अक्टूबर में रूस से 32 हजार करोड़ रुपये की लागत से हवाई रक्षा प्रणाली और चार फ्रिगेट के निर्माण के अलावा कामोव हेलीकॉप्टरों के संयुक्त निर्माण के लिए समझौता करने की घोषणा की थी।
यह घोषणा पिछले साल गोवा में ब्रिक्स देशों के सम्मेलन के इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई वार्ता के बाद की गई थी।
एस-400 प्रणाली की खासियत-
एस-400 लंबी दूरी की हवाई रक्षा मिसाइल प्रणाली है। यह 400 किमी की परिधि में आने वाले दुश्मन के विमान, मिसाइल और ड्रोन को नष्ट कर सकती है। यह एक साथ 26 लक्ष्यों को भेदने में सक्षम है।