भावना
कन्यालीकोट, कपकोट
उत्तराखंड
पहाड़ों से दूर क्या गए,
पहाड़ी बोलने में शर्मा गए,
कोई पूछता तुम कहां से हो?
कह तो देते उत्तराखंड से हैं,
लेकिन भाषा नहीं आती वहां की,
अपनी ही भाषा बोलने में शर्माते हो,
मगर दूसरों की भाषा अपना लेते हो,
बोलने की जब बात आए तो टाल देते हो,
मगर इंस्टाग्राम पर खुद को पहाड़ी बताते हो,
फिर भी न जाने क्यों पहाड़ी बोलने में शर्मा जाते हो।।